Agency:News18 Uttarakhand
Last Updated:January 22, 2025, 14:02 IST
Nainital News: उत्तराखंड के नैनीताल के रहने वाले हरीश राणा ट्रैफिक को लेकर चौराहों पर लोगों की फ्री में सेवा करते हैं. वह रंगाई पुताई का काम करते हैं. उससे समय मिलने के बादनैनीताल के तल्लीताल और मल्लीताल चौराहो...और पढ़ें
नैनीताल के हरेश स्वेच्छा से ट्रैफिक व्यवस्था को करते हैं कंट्रोल
नैनीताल: हमारे समाज में कई ऐसे लोग हैं, जो समाज के लिए नि:स्वार्थ भाव से सेवा करते हैं, और समाज के लिए कई उदाहरण पेश करते हैं. ऐसे ही उत्तराखंड के नैनीताल निवासी हरीश राणा हैं.वह पूरा दिन रंगाई पुताई का काम करते हैं. शाम होते ही अपना काम खत्म करके वह नैनीताल के चौराहों में और देर रात तक ट्रैफिक पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर निस्वार्थ भाव से ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने आ जाते हैं.
6 साल से लोगों की कर रहे हैं सेवा
हरीश बताते हैं कि वह पिछले 6 सालों से लगातार अपना काम निपटाने के बाद नैनीताल के तल्लीताल, मल्लीताल चौराहों में ट्रैफिक व्यवस्था को कंट्रोल करते हैं. साथ ही सीजन के समय जब नैनीताल में गाड़ियों का दबाव ज्यादा रहता है. तब वह चौराहे पर आकर मोर्चा संभाल लेते हैं. वह पुलिस के साथ ट्रैफिक व्यवस्था को कंट्रोल करते हैं. वहीं, सबसे खास बात ये है कि हरीश स्वेच्छा और पूरी ईमानदारी से अपनी ड्यूटी निभाते हैं. इसके लिए उन्हें किसी भी तरह की कोई तनख्वाह भी नहीं मिलती है.
हरीश ने लोकल 18 से बताया कि वह बिना वेतन के नि:स्वार्थ भाव से फॉरेस्ट और प्रशासन का सहयोग करते हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें इस काम से खुशी मिलती है. उन्होंने बताया कि जब नैनीताल के एसएसपी ऑफिस में उनसे पूछा गया कि वह किस चौराहे में अपनी ड्यूटी देना चाहते हैं तो उन्होंने सिर्फ एक जगह लेने से इनकार करते हुए नैनीताल के सभी चौराहों के साथ ही नैनीताल में महिला सुरक्षा और अन्य सामाजिक कार्यों को करने के लिए कहा.
उन्होंने बताया कि उनका कृष्णापुर में मकान है. उनके घर में उनकी पत्नी, उनका एक बेटा, 2 बेटियां और नाती पोते हैं. वह मिस्त्री का काम भी जानते हैं. साथ ही घरों में रंगाई पुताई का काम करते हैं और काम खत्म करने के बाद शाम को वह चौराहों पर आकर ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारते हैं.
लोगों की फ्री में करते हैं सेवा
वहीं, स्थानीय दुकानदार प्रताप सिंह जीना बताते हैं कि हरीश पिछले 5 से 6 सालों से नैनीताल के चौराहों में दौड़ दौड़कर ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारते हैं. वह काफी मेहनत करते हैं. वह रोजाना अपने काम के बाद 2 से 3 घंटे की नि:स्वार्थ भाव से चौराहों पर ड्यूटी करते हैं. चाहे मौसम कैसा भी हो. हरीश अपनी ड्यूटी करना नहीं भूलते हैं. कई बार ट्रैफिक पुलिस कर्मी हरीश को डांट कर भगा देते हैं, लेकिन इसके बावजूद भी हरीश अपने काम में लगे रहते हैं. वह ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारते हुए चौराहों पर जाम नहीं लगने देते हैं.
पुलिस से नहीं मिलता सहयोग
हरीश बताते हैं कि उनका समाज के प्रति किए गए कार्यों के बावजूद उन्हें स्थानीय प्रशासन और पुलिस का सहयोग नहीं मिलता है. इसके अलावा न ही उनका कोई कार्ड बन पाया है. उन्होंने बताया कि कई बार चौराहों पर ट्रैफिक पुलिसकर्मी उन्हें फटकार लगाकर भगा देते हैं, लेकिन इसके बाद भी वह मुस्तैदी के साथ दूसरे चौराहे पर जाकर ट्रैफिक कंट्रोल करते हैं.
Location :
Nainital,Uttarakhand
First Published :
January 22, 2025, 14:02 IST
एक पेंटर ऐसा भी, ट्रैफिक पुलिस लगाती है फटकार, फिर भी करता है पुलिस की मदद