महिला को ऑटो में रखने के बाद आई एम्बुलेंस में किया गया शिफ्ट
Khandwa News: खंडवा में एक महिला के एक्सीडेंट के बाद लोगों ने मदद करने से इनकार कर दिया, क्योंकि उन्हें पुलिस पूछताछ का ...अधिक पढ़ें
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated : November 20, 2024, 17:07 IST
खंडवा. खंडवा शहर में एक शर्मनाक घटना हुई, जब एक महिला टीचर स्कूटी से जा रही थी और अचानक उसका एक्सीडेंट हो गया, जिससे वह सड़क पर गिर पड़ी. इस दौरान वहां मौजूद तमाशबीन लोग उसका वीडियो और फोटो बनाते रहे, लेकिन किसी ने भी उसे अस्पताल पहुँचाने की कोशिश नहीं की. अंत में एक समझदार नागरिक, रितेश कपूर ने उस महिला को उठाकर अस्पताल पहुंचाया और उसका इलाज शुरू कराया.
घटना के बाद, जब कुछ लोगों से बात की गई, तो उनका कहना था कि वे महिला को अस्पताल ले जाते, लेकिन पुलिस केस बनने और पूछताछ के डर से मदद नहीं कर पाए. उनका मानना था कि पुलिस उन्हें परेशान कर सकती है. इस डर के कारण लोग किसी की मदद करने से बचते हैं. इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमारी टीम ने एसपी मनोज कुमार राय से मुलाकात की.
सरकार द्वारा उसे ₹5000 तक का पुरस्कार
उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने नए कानून के तहत यह सुनिश्चित किया है कि यदि कोई व्यक्ति घायल को अस्पताल पहुंचाता है और उसकी जान बचाता है, तो उस व्यक्ति से पूछताछ नहीं की जाएगी और न ही उसे परेशान किया जाएगा. बल्कि, सरकार द्वारा उसे ₹5000 तक का पुरस्कार भी मिल सकता है. उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में डरने की कोई जरूरत नहीं है और जितनी जल्दी घायल को अस्पताल पहुंचाया जाएगा, उतने ही अधिक उसके बचने के चांस होंगे.
एसपी मनोज कुमार राय ने आगे अपील की कि जब भी किसी के साथ दुर्घटना हो, तो तुरंत घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाएं, क्योंकि पुलिस द्वारा पूरी सुरक्षा प्रदान की जाएगी. इसके अलावा, जस्टिस के. एस. राधाकृष्णन कमिटी की सिफारिशों के अनुसार, घायल को अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति से कोई सवाल नहीं पूछा जाएगा और उसे अस्पताल या पुलिस को ब्योरा देने की आवश्यकता नहीं होगी.
Editer- Anuj Singh
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FIRST PUBLISHED :
November 20, 2024, 17:07 IST