Mathura Maholi Village Akhara: कहानी है यूपी के मथुरा के एक गांव मुस्लिम हनुमान भक्त की. वो भगवान राम के अनन्य भक्त की सेवा करते हैं. हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल ये भक्त करीब 10 वर्षों से अखाड़े में आने वाले मल्लों (पहलवानों) को ट्रेनिंग दे रहे हैं. इस सालों पुराने अखाड़े में सभी धर्मों के लोग एक साथ ट्रेनिंग लेते हैं. ट्रेनिंग की शुरुआत होती है भगवान हनुमान जी को माथा टेकने के बाद.
मथुरा का 100 साल पुराना अखाड़ा
मथुरा जिले के गांव महोली में करीब 100 वर्षों से इस अखाड़े में पहलवान मल्ल अभ्यास करते चले आ रहे हैं. इस अखाड़े में हिंदी-मुस्लिम आकर मल्ल विद्या ग्रहण करते हैं. इतना ही नहीं इस अखाड़े ने दर्जओं ऐसे मल्ल दिये हैं, जो हिंद केसरी रह चुके हैं. इस अखाड़े में आने वाला प्रतेक पहलवान हनुमान जी के इस मंदिर में अपना मत्था टेकता है और फिर शरू होता है मल्ल विद्या का प्रशिक्षण.
मुस्लिम भक्त कर रहे भगवान हनुमान की सेवा
हर दिन दर्जनों मल्ल इस अखाड़े में आकर जोर आजमाते हैं. अब जरामुस्लिम भक्त की भक्ति और अखाड़े में दे रहे मल्ल विद्या का प्रशिक्षण के बारे में भी गौर कीजिये. महजब नहीं सिखाता आपस में वैर रखना वाली कहावत इस गांव के अखाड़े में चरितार्थ साबित होती है. लोकल18 से बात करते हुए खलीफा सेंदा पहलवान ने बताया कि मुस्लिम परिवार से होने के बावजूद भी वो हनुमान जी की सेवा करते हैं. उन्होंने बताया कि तीसरी पीढ़ी हनुमान जी की सेवा इस अखाड़े के मंदिर में करते चले आ रहे हैं. पिता अल्लाह खलीफा भी यहां मल्लों को प्रशिक्षण देते थे. उन्होंने भी दर्जनों ऐसे मल्ल तैयार किये जो कुश्ती के महारथी थे.
करीब 10 सालों से दे रहे ट्रेनिंग
छोटे खलीफा ने ये भी बताया कि वो हर दिन करीब दो दर्जन मल्लों को प्रशिक्षण देते हैं. उनके द्वारा तैयार किये गए पहलवान अपने प्रतिद्वंदी को शिकस्त देने में माहिर हैं. एक ऐसा मुस्लिम भक्त जो केसरी नंदन की सेवा में लगा रहता है. बचपन से लेकर अब तक भगवान राम के भक्त हनुमान की आराधना में लीन रहता है. वहीं गांव महोली का रहने वाला सेंदा खान अखाड़े में जोर आजमाने के लिए आने वाले पहलवानों को प्रशिक्षण देता है.
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FIRST PUBLISHED :
November 25, 2024, 12:29 IST