IAS नहीं बनते तो होते कबाड़ीवाला, इस सवाल का जवाब देकर बने UPSC टॉपर

2 hours ago 1

UPSC Success Story : अपने काम की वजह से अलग पहचान बनाने वाले कई आईएएस अधिकारियों की सोशल मीडिया पर जबर्दस्त फॉलोइंग है. इनमें से ही हैं उत्तराखंड कैडर के आईएएस अधिकारी दीपक रावत. यूट्यूब पर उनके 43 लाख से अधिक सब्सक्राइबर हैं. दीपक रावत का यूपीएससी पास कर आईएएस बननें का सफर कई लोगों के लिए काफी प्रेरक है. वह कभी कबाड़ीवाला बनना चाहते थे. लेकिन फिर वह किस तरह एक तेजतर्रार आईएएस बने, आइए जानते हैं.

आईएएस दीपक रावत उत्तराखंड के उसी मसूरी शहर में पले बढ़े हैं, जहां पहुंचना हर एक यूपीएससी एस्पिरेंट्स का सपना होता है. 2024 सितंबर 1977 को जन्मे दीपक रावत की स्कूलिंग मसूरी के सेंट जॉर्ज्स कॉलेज (St. George’s College) से हुई है. इसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हंसराज कॉलेज से बीए और जेएनयू से इतिहास में एमए किया. उन्होंने जेएनयू से प्राचीन इतिहास में एमफिल भी किया है.

बचपन में बनना चाहते थे कबाड़ीवाला

दीपक रावत को बचपन में पुरानी घड़ियां, पॉलिस के खाली डिब्बे और इस्तेमाल हुए टूथब्रश इकट्‌ठे करने का अनोखा शौक था. उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह बचपन में कबाड़ीवाला बनना चाहते थे.

यूपीएससी इंटरव्यू में पूछा गया ये सवाल 

आईएएस दीपक रावत वर्तमान में कुमायूं में डिविजनल कमिश्नर हैं. उन्होंने 2007 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 12वीं रैंक के साथ पास की थी. यूपीएससी इंटरव्यू के दौरान उनसे पूछा गया था कि हमें जीरो से क्या सीखते हैं. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि जीरो हमें न्यूट्रल रहना सिखाता है. उन्होंने यह भी कहा कि जीरो में कुछ जोड़ दो तब भी वही रहा है. जीरो से कुछ घटा दो तो भी अंक वही रहता है. इसलिए जीरो हमें न्यूट्रल रहना सिखाता है. इसके आगे उन्होंने कहा कि हमें यह भी सिखाता है कि जीरो यानी कुछ नहीं. जिंदगी में हमें ध्यान रखना है कि इससे नीचे कभी नहीं गिरना चाहिए.

जब पिता ने कहा- खुद कमाओ पैसे

दीपक रावत को भी कई अन्य युवाओं की तरह अपने सपने को हासिल करने के लिए संघर्ष करना पड़ा. वह बताते हैं कि जब मैं 24 का था, तो पिता जी ने कहा कि खुद पैसे कमाओ. इसी के साथ उन्होंने पॉकेट मनी देना बंद कर दिया. जेआरएफ में चुने जाने के बाद उन्हें हर महीने 8000 रुपये महीने मिलने लगे, जिससे वह अपना खर्च चलाते थे.

ऐसे सपना बना यूपीएससी क्रैक करना

दीपक रावत ने एक इंटरव्यू में बताया था कि ग्रेजुएशन के दौरान जब वह बिहार के कुछ छात्रों से मिले, तो उनकी रुचि यूपीएसससी की ओर हुई. उन्हें अपने पहले दो अटेम्प्ट में असफलता का सामना करना पड़ा. हालांकि तीसरे प्रयास में उन्होंने यूपीएससी 12वीं रैंक के साथ पास की.

ये भी पढ़ें

RRB RPF SI Exam: आरपीएफ SI भर्ती परीक्षा के लिए सिटी इंटीमेशन स्लिप जारी, इतने दिन पहले जारी होंगे एडमिट कार्ड

यूपी पुलिस फिजिकल टेस्ट की ऐसे करें तैयारी, जरूर मिलेगी सफलता, जानें एक्सपर्ट की सलाह

Tags: IAS exam, IAS Toppers, Success Story

FIRST PUBLISHED :

November 25, 2024, 15:00 IST

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article