Last Updated:January 23, 2025, 09:29 IST
Saraswati Puja 2025 Date: सरस्वती पूजा का आयोजन माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को होता है. इस साल सरस्वती पूजा के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. सरस्वती पूजा के लिए करीब साढ़े 5 घंटे का शुभ मुहूर्त प्र...और पढ़ें
हर साल सरस्वती पूजा का आयोजन माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को होता है, इसे वसंत पंचमी के नाम से भी जानते हैं. इस दिन पूरे समय अबूझ मुहूर्त होता है, इसलिए कोई भी शुभ कार्य करने के लिए पंचांग देखने की जरूरत नहीं होती है. इस साल सरस्वती पूजा के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, जिसमें सरस्वती पूजा की जाएगी. सरस्वती पूजा के लिए करीब साढ़े 5 घंटे का शुभ मुहूर्त प्राप्त हो रहा है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि सरस्वती पूजा कब है? सरस्वती पूजा का मुहूर्त और शुभ योग कौन से हैं?
सरस्वती पूजा तारीख 2025
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, सरस्वती पूजा के लिए जरूरी माघ शुक्ल पंचमी तिथि 2 फरवरी दिन रविवार को सुबह 09:14 बजे से 3 फरवरी सोमवार को सुबह 06:52 बजे तक मान्य है. ऐसे में इस साल सरस्वती पूजा 2 फरवरी रविवार को होगी.
सरस्वती पूजा मुहूर्त 2025
2 फरवरी को सरस्वती पूजा के लिए 5 घंटे 26 मिनट का शुभ मुहूर्त प्राप्त हो रहा है. उस दिन सरस्वती पूजा के लिए शुभ समय सुबह 07:09 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक है. वैसे भी सरस्वती पूजा को पूरे दिन अबूझ मुहूर्त रहेगा, तो आप दिन में कभी पूजा कर सकते हैं.
सर्वार्थ सिद्धि योग में सरस्वती पूजा 2025
इस बार सरस्वती पूजा के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. उस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह में 07:09 बजे से बनेगा, जो देर रात 12:52 बजे तक रहेगा. इस योग में आप जो भी शुभ कार्य करेंगे, उसके सफल सिद्ध होने की उम्मीद सबसे अधिक रहती है.
सरस्वती पूजा के दिन रवि योग देर रात 12:52 बजे से बनेगा और 3 फरवरी को सुबह 07:08 बजे तक रहेगा. सरस्वती पूजा को प्रात:काल में शिव योग बनेगा, जो सुबह 09:14 बजे तक रहेगा. उसके बाद सिद्ध योग होगा, तो 3 फरवरी को सुबह 06:06 बजे तक रहेगा.
सरस्वती पूजा 2025 शुभ समय
सरस्वती पूजा के दिन ब्रह्म मुहूर्त 05:24 ए एम से 06:16 ए एम तक है. उस दिन का शुभ समय यानि अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:13 बजे से दोपहर 12:57 बजे तक रहेगा. उस दिन विजय मुहूर्त दोपहर में 02:24 बजे से दोपहर 03:07 बजे तक है.
सरस्वती पूजा का महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, सरस्वती पूजा के दिन ज्ञान की देवी मां शारदा की उत्पत्ति हुई थी, इस वजह से इस दिन को सरस्वती जयंती भी कहते हैं. इस दिन मां सरस्वती ने अपने वीणा के झंकार से जीवों को स्वर प्रदान किया था, जिसके प्रभाव से जीव बोलने में सक्ष्म हुए. सरस्वती पूजा का दिन बच्चों के शिक्षा आरंभ करने या अक्षर ज्ञान कराने के लिए शुभ माना जाता है. मां सरस्वती की कृपा से ज्ञान की प्राप्ति होती है.
First Published :
January 23, 2025, 09:29 IST