कभी महर्षि पराशर, तो कभी पांडव... इस जगह से जुड़ी है धार्मिक आस्था की कहानी

2 hours ago 1

Agency:News18 Haryana

Last Updated:January 22, 2025, 13:05 IST

Faridabad News: फरीदाबाद के इस जगह से ना सिर्फ महर्षि पराशर, बल्कि पांडवों से भी इसकी अनोखी कहानी जुड़ी है. पराशर की तपोभूमि और पांडवों के अज्ञातवास से जुड़ा हुआ एक ऐतिहासिक धार्मिक स्थल है.

X

फरीदाबाद

फरीदाबाद का परसोन मंदिर धार्मिक आस्था और इतिहास का संगम.

फरीदाबाद. फरीदाबाद में स्थित परसोन मंदिर एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जिसका इतिहास त्रेता युग और द्वापर युग से जुड़ा हुआ है. यह मंदिर महर्षि पराशर जी की तपोभूमि के रूप में प्रसिद्ध है. महर्षि पराशर ने यहां त्रेता युग में लगभग साढ़े पांच हजार साल पहले कठोर तपस्या की थी, और उनकी तपस्या से जुड़े पदचिन्ह आज भी यहां देखे जा सकते हैं. श्रद्धालु इस पवित्र स्थान पर आकर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं. महर्षि पराशर जी ने यहां कई महत्वपूर्ण ग्रंथों की रचना भी की थी. इसके अलावा, यह स्थान पांडवों से भी जुड़ा हुआ है, क्योंकि वे अज्ञातवास के दौरान यहां माता कुंती के साथ रहे थे. इस स्थान का इतिहास बहुत ही प्राचीन और धार्मिक महत्व से भरा हुआ है.

मंदिर के महंत अमरदास ने Local18 चैनल से बातचीत में बताया कि यह स्थल महर्षि पराशर जी की तपोभूमि है और यहां पर भोले बाबा का शिवलिंग भी बहुत प्राचीन है, जिसे महर्षि पराशर जी ने स्थापित किया था. उन्होंने यह भी बताया कि पांडवों का अज्ञातवास इस स्थान पर रहा था. यहां आने वाले श्रद्धालुओं की आस्था बहुत गहरी है, लेकिन कुछ लोग मंदिर का माहौल बिगाड़ने की कोशिश करते हैं. महंत ने आग्रह किया कि श्रद्धालु इस स्थान पर केवल धार्मिक भावना से आएं और इसे पिकनिक स्थल की तरह न मानें.

श्रद्धालु अमित अग्रवाल ने बताया, “मैं फरीदाबाद से आता हूं और हम लोग अक्सर इस मंदिर में आते हैं. यह धार्मिक स्थल हमारी आस्था से जुड़ा हुआ है. यहां पर लंगूर बंदर भी बहुत शांति से रहते हैं और वे कभी किसी यात्री का सामान नहीं छीनते.” वहीं श्रद्धालु राम ने बताया, “मैं अक्सर यहां आता हूं. पहले यहां बहुत कम सुविधाएं थीं, लेकिन अब काफी कुछ बदल चुका है. हालांकि, यहां और विकास की आवश्यकता है जैसे बड़खल झील का विकास हो रहा है.”

श्रद्धालु रवि कुमार ने भी अपनी बात रखते हुए कहा, “मैं दिल्ली से यहां 15 साल से आ रहा हूं. यह स्थान बहुत ही शांत और पवित्र है. यहां पर लंगूर बंदर मिलते हैं, जो पूरे एनसीआर में शायद कहीं और नहीं मिलते.” यह मंदिर एक बहुत ही पवित्र और ऐतिहासिक स्थल है, जहां हर श्रद्धालु को अपनी आस्था के साथ आकर पूजा अर्चना करनी चाहिए.

Location :

Faridabad,Haryana

First Published :

January 22, 2025, 13:05 IST

homedharm

कभी महर्षि पराशर, तो कभी पांडव... इस जगह से जुड़ी है धार्मिक आस्था की कहानी

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article