बारिश से खराब हुई बाजरे की फसल
करौली: जिले में इस साल की मूसलधार बारिश ने किसानों के लिए गंभीर समस्याएं पैदा कर दी हैं. रिकॉर्ड तोड़ मानसूनी बारिश ने विशेष रूप से जिले के अधिकांश क्षेत्रों में बाजरे की खड़ी फसल को बर्बाद कर दिया है. कई ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की पूरी फसल बारिश के कारण तबाह हो गई है, जिससे उनकी चिंता बढ़ गई है.
फसल बर्बादी का खामियाजा
ग्रामीण किसानों का कहना है कि भारी बारिश के कारण उनके खेतों में पानी भर गया, जिससे आधी बाजरे की फसल चौपट हो गई. जो फसल बच गई है, उसमें दानों के रोग लगने का खतरा सता रहा है.
40 सालों का रिकॉर्ड तोड़ा
इस साल करौली में बारिश ने पिछले 40 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. औसत से तीन से चार प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई है. जलभराव के कारण निचली बस्तियों में रहने वाले लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ा है, वहीं खरीफ फसलों को भी बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है.
डेढ़ महीने की बारिश ने 90% फसल बर्बाद की
मंडारायल उपखंड के किसान ऋषिराज मीणा ने बताया कि उनके क्षेत्र में भारी बारिश ने बाजरे की 90% फसल को तबाह कर दिया है. इसके अलावा, किसानों ने मक्का की फसल भी बोई थी, जो बारिश के कारण पूरी तरह बर्बाद हो गई. किसान अब मवेशियों के लिए चार तक नहीं निकाल पा रहे हैं और सरकार से मदद की आस लगाए हुए हैं.
रोजी-रोटी का संकट
किसान लखन सिंह ने बताया कि इस बार बारिश ने बाजरे की 80 से 90% फसल को चौपट कर दिया है. फसल के खराब होने से उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. किसानों का कहना है कि अब उनके पास कुछ भी नहीं बचा है और वे केवल मुआवजे की गुजारिश कर रहे हैं. करौली के किसान अब सरकार से यह अपेक्षा कर रहे हैं कि उन्हें उनकी लागत और मवेशियों के चारे के लिए उचित मुआवजा प्रदान किया जाए, जिससे उन्हें राहत मिल सके.
Tags: Local18, Rajasthan news
FIRST PUBLISHED :
September 25, 2024, 13:43 IST