कहते हैं कलियुग, पर इंसानियत जिंदा है...बिहार के गया की ये खबर आंखें खोल देगी!

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Agency:News18 Bihar

Last Updated:February 08, 2025, 10:32 IST

Gaya News: गया के इमामगंज से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जिसने इस बात को साबित कर दिया कि भले ही कलयुग का दौर कहा जाता हो, लेकिन अब भी कहीं ना कहीं इंसानियत बची हुई है. एक पुलिसवाले की तत्परता से पूरा सिस्टम सक्र...और पढ़ें

कहते हैं कलियुग, पर इंसानियत जिंदा है...बिहार के गया की ये खबर आंखें खोल देगी!

गया में पुलिसवाले की पहल से प्रसूता की मदद के लिए आगे आया अस्पताल प्रशासन.

हाइलाइट्स

  • गया में विक्षिप्त महिला ने सड़क किनारे खेत में बच्चे को दिया जन्म.
  • पुलिवाले की पहल से मदद के लिए आगे आया अस्पताल प्रशासन.

गया. कहते हैं पुलिस अगर थोड़ी संवेदनशील हो गई तो आधे से अधिक सामाजिक मुद्दे सामान्य तौर पर ही सुलझ जाएंगे. बिहार के गया में जो हुआ वह एक मिसाल बनकर सामने आया है. यहां एक विक्षिप्त महिला ने सड़क किनारे खेत में बच्चे को जन्म दिया तब पुलिसवाले की संवेदनशीलता और तत्परता के कारण महिला और बच्चे की जान बच गई. एक ओर जहां लोग महिला की स्थिति देखकर भी अनदेखी करते रहे, वहीं पुलिसकर्मी की पहल से शासन सक्रिय हो गया. इसके बाद तो अस्पताल प्रशासन भी मदद के लिए आगे आया और जच्चा-बच्चा, दोनों की जान बच गई. मामला बिहार के गया जिले के इमामगंज का है.

बिहार के गया जिले के इमामगंज में सड़कों पर घूमने वाली एक विक्षिप्त महिला ने सड़क किनारे खेत में एक बच्चे को जन्म दिया बच्चे के जन्म देने के बाद महिला दर्द से तड़प रही थी. वह खून से लथपथ होकर खेत में ही छटपटा रही थी. महिला को इस तरह से खेत में तड़पते देख कई लोग रुके, लेकिन लोगों ने उसकी मदद नहीं की. वहीं, कुछ ग्रामीणों ने इसकी सूचना इमामगंज थानध्यक्ष अमित कुमार को दिया जहां वह खुद मौके पर पहुंचे और इमामगंज अनुमंडल अस्पताल को इसकी सूचना दी. उनकी सूचना पर तुरंत डॉक्टर और नर्स एंबुलेंस के साथ वहां पहुंचे जिसके बाद महिला और उसके बच्चे को इमामगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया जहां दोनों का इलाज कराया गया. जच्चा और बच्चा स्वस्थ है. हालांकि, महिला की भाषा किसी को समझ में नहीं आ रही थी और वह मानसिक रूप से भी ठीक नहीं लग रही है. महिला अपना नाम और पता नहीं बता पा रही है और न ही अपने घर का पता.

बताया जा रहा है कि इमामगंज में कई दिनों से इधर-उधर घूम-घूम कर लोगों से जो मिल जाती था और जो मिल जाता उसे खा लेती थी. वहीं विक्षिप्त महिला अपने बच्चों को भी सीने से लगाकर सोई हुई है और अपना दूध भी पिला रही है. इमामगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के एएनएम आशा कार्यकर्ता प्रतिमा देवी और चिकित्सा प्रभारी अशोक कुमार ने बताया कि सूचना मिली तो वे लोग वहां पर पहुंचे और एंबुलेंस से महिला उसके बच्चे को अस्पताल लाया. दोनों की देखभाल की जा रही है और जच्चा-बच्चा स्वस्थ है.

हालांकि. महिला अपने बारे में कुछ नहीं बता पा रही है. वह मानसिक रूप से कमजोर है पर वह महिला अपने बच्चों को भी दूध पिला रही है. कुछ दिन तक दोनों को यहां रखा जाएगा वहीं पुलिस अब इसके रिश्तेदारों के बारे में पता करेगी. बहरहाल, आम लोग जब महिला की बुरी स्थिति देखकर भी मदद को आगे नहीं आए, वहीं एक पुलिसकर्मी की सक्रियता से पूरा प्रशासन एक्शन में आ गया. जाहिर तौर पर पुलिसवाले की थोड़ी सी संवेदनशीलता से सक्रिय हुआ शासन-प्रशासन ने बड़ा संदेश दिया है.

First Published :

February 08, 2025, 10:32 IST

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