Last Updated:January 11, 2025, 23:11 IST
Khandwa News : खंडवा में मकर संक्रांति पर चाइनीज मांझे का खौफ बढ़ रहा है. नायलॉन और मैटेलिक पाउडर से बने इस 'किलर मांझे' से हर साल कई लोग और पक्षी घायल हो रहे हैं. जनता ने इस जानलेवा मांझे पर सख्त प्रतिबंध लगाने की...और पढ़ें
खंडवा. मकर संक्रांति नजदीक है, लेकिन इस पर्व पर पतंगबाजी के उत्साह के साथ ही चाइनीज मांझे का खौफ भी लोगों के मन में गहराता जा रहा है. यह मांझा सिर्फ पतंग उड़ाने का साधन नहीं, बल्कि जानलेवा साबित हो रहा है. खंडवा में हर साल कई लोग इस खतरनाक मांझे का शिकार होते हैं, जिनमें किसी की गर्दन कट जाती है, तो किसी के हाथ-पैर घायल हो जाते हैं.
डॉ. मनीष खेडेकर ने चाइनीज मांझे से जुड़ा अपना दर्दनाक अनुभव साझा किया. उन्होंने बताया, “कुछ महीने पहले चाइनीज मांझे की वजह से मेरी गर्दन पर गंभीर चोट आई थी. घाव भरने में डेढ़ महीने का समय लगा, लेकिन आज भी वहां खिंचाव महसूस होता है.” उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे चाइनीज मांझे का उपयोग न करें और देशी मांझे का इस्तेमाल करें. साथ ही, प्रशासन से आग्रह किया कि चाइनीज मांझे पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जाए.
‘किलर माझा’ क्यों है इतना खतरनाक?
खंडवा में चाइनीज मांझे को ‘किलर मांझा’ कहा जाता है. यह मांझा नायलॉन के धागे पर मैटेलिक पाउडर, कांच और लोहे की पॉलिश से तैयार किया जाता है, जिससे यह अत्यधिक मजबूत और धारदार बन जाता है. इसकी चपेट में आने से न केवल इंसान, बल्कि पक्षियों के पंख और जानवरों की खाल तक कट जाती है.
जनता की मांग
हर साल प्रशासन चाइनीज मांझे पर कार्रवाई करता है, लेकिन यह धागा फिर से बाजारों में बिकने लगता है. बाजारों में इसे गुजरात से मंगवाया जा रहा है और अलग-अलग कंपनियों के नाम से खुलेआम बेचा जा रहा है. जनता ने मांग की है कि चाइनीज मांझे पर सख्त प्रतिबंध लगाया जाए ताकि किसी की जान न जाए.
पतंगबाजी का खतरा
मकर संक्रांति पर पतंगबाजी का त्योहार मनाने वाले कई लोग चाइनीज मांझे की वजह से हादसों का शिकार हो चुके हैं. इस घातक मांझे से जुड़े हादसे हर साल बढ़ रहे हैं, जिससे त्योहार का मजा खौफ में बदल जाता है. लोगों ने प्रशासन से सख्ती बरतने की अपील की है ताकि इस जानलेवा मांझे का उपयोग पूरी तरह बंद हो सके.