स्टाइलिश दिखने के लिए केवल ड्रेस, मेकअप या फुटवियर ही नहीं बल्कि रिस्ट वॉच भी अहम भूमिका निभाती है. घड़ी भी ड्रेस, एक्सेसरीज और ओकेजन के हिसाब से पहनी जाती है क्योंकि यह स्टाइलिंग का अहम हिस्सा होती है. गलत घड़ी का सिलेक्शन लुक्स को तो खराब करता ही है, सामने वाले इंसान पर इंप्रेशन भी अच्छा नहीं पड़ता. घड़ी के स्ट्रैप का कलर, डिजाइन और डायल का साइज पर्सनैलिटी के हिसाब से चुनना चाहिए.
कई तरह की घड़ियां
आज अधिकतर लोगों के हाथों में स्मार्ट वॉर्च दिखती है जिसमें उन्हें पता चल जाता है कि उनकी कितनी कैलोरी बर्न हुई हैं, वह कितने स्टेप्स चले हैं और कितने किलोमीटर का टारगेट पूरा करना है. स्मार्टवॉच को फिटनेस एक्टिविटी जैसे वॉकिंग, जॉगिंग, योग के दौरान ही पहनना चाहिए. पहले के जमाने में घड़ियों में चाबी भरी जाती थी, इसे मैकेनिकल वॉच कहते हैं. इसका फैशन दोबारा आ गया है. कुछ घड़ियां सोलर एनर्जी से चलती हैं. इन्हें क्वार्टर वॉच कहते हैं. कुछ घड़ियां कलाई की मूवमेंट होने से चलती हैं. यह ऑटोमेटिक वॉच कहलाती हैं. इन्हें क्रोनोग्राफ वॉच भी कहते हैं. जिन घड़ियों के डायल में दिन, तारीख डिस्प्ले होती हैं, उसे मिलिट्री वॉच कहा जाता है. जो लोग स्विमिंग या डाइविंग करते हैं, उनके लिए डाइव वॉच बनी है. यह पानी के नीचे 200 मीटर तक काम करती है.
सबसे पहले जर्मनी में बनी पॉकेट वॉच
पुराने जमाने में समय का पता लगाने के लिए कैंडल वॉच का इस्तेमाल होता था. इसमें मोमबत्ती को जलाकर रखा जाता था और ऐसी व्यवस्था थी कि जब 1 घंटे में मोमबत्ती जलकर बुझ जाती थी तो घंटी बजती थी. इसके बाद 16 शताब्दी में जर्मनी के नूरेलबर्ग में पीटर हेनलेन ने घड़ी का आविष्कार किया. यह एक पॉकेट घड़ी थी. 17वीं शताब्दी तक इसका ज्यादा चलन नहीं था. वॉच (watch) शब्द पुरानी अंग्रेजी के woecce से बना जिसका मतलब है वॉचमैन. दरअसल वॉचमैन ही इस घड़ी का इस्तेमाल करते थे. इससे वह काम के घंटों पर नजर रखते थे. इसके अलावा जो लोग नाव चलाते थे, वह भी शिप पर ड्यूटी शिफ्ट घड़ी को देखकर पूरा करते थे.
चांद पर अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग एक नामी कंपनी की घड़ी पहनकर पहुंचे थे, तब से उसे मूनवॉच कहा जाता है. (Image-Canva)
लड़कियों को ब्रेसलेट कहकर घड़ी बेची जाती
पहले के जमाने में रिस्ट वॉच की जगह पॉकेट वॉच का चलन था. चेन लगी इन घड़ियों को कमीज की जेब में रखा जाता था. रिस्ट वॉच सबसे पहले महिलाओं के लिए ही बनाई गई. घड़ी बनाने वाले होरोलॉजिस्ट अब्राहम लुइस ब्रीगेट ने 1810 में पहली रिस्ट वॉच क्वीन ऑफ नेपल्स कैरोलीन मुरात के लिए बनाई. धीरे-धीरे यह घड़ी महिलाओं के बीच पॉपुलर होने लगी. उस जमाने में इसे रिस्ट वॉच की जगह ब्रेसलेट कहकर बेचा जाता था. उस टाइम पर घड़ियां केवल अमीर घराने के लोग ही पहना करते थे. यह सोसाइटी में स्टेटस सिंपल हुआ करती थीं.
किस ओकेजन पर पहने कैसी घड़ी
कुछ लोग एक ही घड़ी को हर मौके पर पहनते हैं जो गलत है. कैजुअल ड्रेस पर क्रोनोग्राफ, मैकेनिकल वॉच या मिलट्री वॉच पहनी जा सकती है. फॉर्मल ड्रेस पर क्रोनोग्राफ, क्वार्ट्ज और मैकेनिकल वॉच कैरी कर सकते हैं. वेकेशन पर मिलिट्री वॉच, स्मार्ट वॉच या ऑटोमेटिक वॉच पहन सकते हैं. आजकल रिंग वॉच भी खूब बिक रही है. यह फॉर्मल या पार्टी में सूट करती है.
स्ट्रैप्स के रंग को एक्सेसरी से करें मैच
स्टाइल आइकन बनने के लिए कुछ रूल्स को फॉलो करना पड़ता है. फैशन स्टाइलिस्ट शिवांगी सरकार कहती हैं कि घड़ी के साथ स्टाइलिश दिखने का एक ही रूल है-घड़ी के स्ट्रैप को फुटवियर और हैंडबैग के कलर से मैच करना. लड़के अगर लेदर का स्ट्रैप पहन रहे हैं तो उसका कलर जूतों और बेल्ट से मैच होना चाहिए. अगर कोई लड़का शेरवानी पहन रहा है तो रिस्ट वॉच की जगह पॉकेट वॉच को पहनें. इसी तरह लड़कियों की घड़ी का स्ट्रैप उनके फुटवियर के कलर या हैंडबैग से मैचिंग होना चाहिए. अगर मेटल का स्ट्रैप चुनना हो और पार्टी का मौका है तो सिल्वर सैंडल्स को सिल्वर मेटल स्ट्रैप और गोल्डन फुटवियर को गोल्डन मेटल स्ट्रैप से मैच करें.
दुनिया के अधिकतर लोग घड़ी को अपनी बाई कलाई पर पहनते हैं. (Image-Canva)
कलाई के हिसाब से हो डायल
डायल घड़ी का वह हिस्सा होता है जिसमें टाइम डिस्प्ले होता है. लड़कियों की घड़ी में अक्सर छोटे डायल आते हैं जबकि लड़कों की घड़ियों के बड़े साइज के डायल होते हैं लेकिन डायल हमेशा कलाई के हिसाब से चुनना चाहिए. अगर किसी की कलाई की गोलाई 6 इंच है तो उन्हें 38 या 40 mm के डायल साइज की घड़ी पहननी चाहिए. कलाई 7 इंच की हो तो 42mm का डायल सूट करेगा. 8 इंच की कलाई पर 44 से 46 mm का डायल अच्छा लगता है.
स्किन टोन देखकर भी करें सिलेक्शन
जिन लोगों की गोरी त्वचा होती है, वह रोज गोल्ड या सिल्वर मेटल स्ट्रैप की घड़ी पहन सकते हैं. उनकी कलाई पर पिंक, लैवेंडर या हल्के नीले रंग का स्ट्रैप भी सूट करेगा. जिन लोगों की मीडियम स्किन टोन है, वह न्यूट्रल शेड्स जैसे ग्रीन, बेज, लाइट गोल्ड जैसे स्ट्रैप कैरी कर सकते हैं. ऐसे लोग ब्लू, बरगंडी और ब्राउन स्ट्रैप की रिस्ट वॉच को भी अपने स्टाइल में शामिल कर सकते हैं. डार्क स्किन पर गोल्डन मेटल का या ब्राउन, ब्रॉन्ज या ब्लैक लेदर का स्ट्रैप अच्छा लगता है. इसके अलावा ब्लैक और वाइट स्ट्रैप ऐसे रंग हैं जो हर तरह के स्किन टोन और हर तरह के ओकेजन पर पहने जा सकते हैं.
Tags: Birthday party, Bollywood actors, European union, Mission Moon, New fashions
FIRST PUBLISHED :
November 28, 2024, 13:04 IST