किसानों के लिए खुशखबरी! अब उन्हें नहीं पड़ेगा भटकना, घर बैठे बेच सकेंगे फसल

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Agency:News18 Himachal Pradesh

Last Updated:February 07, 2025, 14:41 IST

हिमाचल प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है. ‘प्राकृतिक खेती खुशहाल योजना’ के तहत किसानों को अपने उत्पाद बेचने के लिए विशेष स्थान दिए जाएंगे. शिमला में मोबाइल वैन के जरिए किसान अप...और पढ़ें

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कुल्लू

कुल्लू की लग घाटी में तैयार किया गया खेत

हाइलाइट्स

  • हिमाचल सरकार जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रही है.
  • प्राकृतिक खेती खुशहाल योजना के तहत किसान अपनी फसल बेच पाएंगे.
  • मोबाइल वैन और हर जिले में कैनोपी लगाकर किसानों को सीधा बाजार उपलब्ध कराया जाएगा.

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में ऑर्गेनिक फॉर्मिंग को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के प्रयास किए जा रहे है. ऐसे में हिमाचल सरकार अब ‘प्राकृतिक खेती खुशहाल योजना’ के तहत काम कर रहे किसानों को अपने उत्पाद बेचने के लिए जगह उपलब्ध कराएगी. शिमला में एक मोबाइल वैन की सुविधा से किसानों के उत्पाद बेचे जा रहे है. जबकि हिमाचल प्रदेश के हर जिला के विकास खंड में किसान संगठनों के लिए कैनोपी भी उपलब्ध करवाई जाएगी, जिससे वे अपने खेतों में तैयार प्राकृतिक कृषि उत्पादों को जनता को बेच सके.

कृषि विभाग की आत्मा परियोजना निदेशक डॉक्टर रितु गुप्ता ने बताया कि इस योजना के तहत कुल्लू के 6 विकास खंड में काम किया जाएगा. यहां पर 14 कैनोपी किसान उत्पादक संगठनों को उपलब्ध करवाई जाएगी. इतना ही नहीं आने वाले समय में कई मेलों तथा प्रदर्शनियों में किसान उत्पादक संगठनों को स्टॉल भी मुफ्त में उपलब्ध करवाया जाएगा. जिससे किसान अपने ऑर्गेनिक उत्पादों को आसानी से बेच सके.

कुल्लू में बनाए जाएंगे किसान उत्पादक संगठन
डॉक्टर रितु गुप्ता ने बताया कि जिला कुल्लू के बंजार उपमंडल की चकुरठा पंचायत में किसान उत्पादक संगठन बनाने की दिशा में भी काम किया जा रहा है. दूसरा संगठन मनाली विधानसभा क्षेत्र के सरसेई में तैयार किया जाएगा. इन संगठनों में कई किसानों को जोड़ा जाएगा और 1 साल में राष्ट्रीय कृषि खुशहाल योजना के तहत हर पंचायत से 10 किसानों को जोड़ने की योजना बनाई गई है. ऐसे में हर पंचायत में आत्मा परियोजना के तहत प्रशिक्षण शिविर लगाए जाएंगे, जिससे लोग ऑर्गेनिक फार्मिंग से होने वाले लाभों को समझे और इसकी ओर अपना कदम बढ़ाए.

देसी गाय पर किसानों को मिलेगा अनुदान
डॉ रितु ने बताया कि इस योजना के शुरू होने से अब तक 219 किसानों को देसी गायों पर अनुदान दिया गया है. ऐसे में एक गाय पर मैक्सिमम 25000 रुपए का अनुदान दिया जाता है. साथ ही जीप पर होने वाले खर्चे पर भी 5000 रुपए तक का अनुदान दिया जाता है.

2018 से अब तक लगाए गए 445 प्रशिक्षण शिविर
डॉ रितु गुप्ता ने बताया कि जिला कुल्लू के छह विकासखंड में भी साल 2018 से लेकर अब तक 445 प्रशिक्षण शिविर लगाए गए हैं. 13 हजार 681 किसानों को ट्रेनिंग दिया गया है. ऐसे में 12000 से अधिक किसान अब प्राकृतिक खेती से जुड़े हुए हैं. 11000 से अधिक किसानों को सितारा पोर्टल पर भी पंजीकृत किया गया है.

उन्होंने बताया कि सरकार ने मक्की की खरीद शुरू की गई थी. ऐसे में कुल्लू के भी 42 किसानों में 6.5 मीट्रिक टन मक्की सरकार को बेची थी. ऐसे में अब सरकार किसानों से ऑर्गेनिक खेती के जरिए उगाए गए गेहूं को भी खरीदेगी.

Location :

Kullu,Himachal Pradesh

First Published :

February 07, 2025, 14:41 IST

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