सोलापुर: महाराष्ट्र सरकार ने किसानों के लिए ‘मैगल सोलर एग्रीकल्चरल पंप’ योजना शुरू की है, जिससे किसानों को बिजली बिल में भारी राहत मिलने वाली है. इस योजना के तहत केंद्र सरकार 30 प्रतिशत, राज्य सरकार 60 प्रतिशत, और लाभार्थी केवल 10 प्रतिशत का हिस्सा वहन करेगा. अनुसूचित जाति और जनजाति के किसानों के लिए यह हिस्सा मात्र 5 प्रतिशत होगा. इससे किसानों को सौर ऊर्जा आधारित कृषि पंप मिल सकेंगे, जो उन्हें दिन के समय में भी विश्वसनीय बिजली आपूर्ति प्रदान करेंगे.
बिजली बिल में बचत
सोलापुर के मुख्य वितरण अधीक्षण अभियंता सुनील माने ने लोकल 18 को बताया कि इस योजना से किसानों को न केवल बिजली का खर्च बचेगा, बल्कि उन्हें आय के नए स्रोत भी प्राप्त होंगे. सोलर पंप के माध्यम से किसान अपनी जरूरत की बिजली प्राप्त कर सकेंगे और अगर बिजली बचती है, तो उसे बेचकर अतिरिक्त आय भी कमा सकते हैं.
सोलर पैनल से 25 साल तक बिजली पैदा की जा सकती है
पिछले कुछ वर्षों में किसानों को बिजली कनेक्शन मिलने में समस्याओं का सामना करना पड़ा है, लेकिन अब ‘मैगल सोलर एग्रीकल्चरल पंप’ योजना के जरिए यह काम आसान हो गया है. सोलर पंप पर 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है, जिससे किसानों को तुरंत पंप मिल सकेगा. चूंकि सोलर पैनल से 25 साल तक बिजली पैदा की जा सकती है, इस अवधि में किसानों का बिजली बिल लगभग समाप्त हो जाएगा. उदाहरण के तौर पर, 7.5 एचपी के पंप से किसान 25 सालों में लगभग 10 लाख रुपये की बिजली बिल में बचत कर सकेंगे.
‘सोलर रूफटॉप योजना’
इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने ‘सोलर रूफटॉप योजना’ के तहत 1 करोड़ घरों में सोलर सिस्टम लगाने का लक्ष्य रखा है. इस योजना में 1 किलोवाट के सोलर सिस्टम के लिए 30 हजार रुपये, 2 किलोवाट के लिए 60 हजार रुपये, और 3 किलोवाट या उससे अधिक क्षमता के लिए 78 हजार रुपये तक की सब्सिडी प्रदान की जा रही है.
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इस सौर कृषि पंप योजना से किसानों को न केवल बिजली आपूर्ति में मदद मिलेगी, बल्कि उन्हें बिजली बचत के साथ आय का भी एक स्थिर स्रोत प्राप्त होगा, जिससे वे आर्थिक रूप से मजबूत हो सकेंगे.
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FIRST PUBLISHED :
September 30, 2024, 16:54 IST