धौलपुर:- जिले में बंदर और कुत्तों के काटने के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है. रोजाना लगभग 15 लोग एंटी रैबीज की वैक्सीन लगवाने जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं. बीते 3 महीने के आकड़ों की बात करें, तो जुलाई माह में नए 400 मरीज आए थे, जिन्हें बंदर और कुत्तों ने शिकार बनाया था. अगस्त माह में 396 मरीज सामने आए थे. 26 सितंबर तक कुल 300 से अधिक मरीज एंटी रैबीज की डोज लगवाने आ चुके हैं.
एआरबी यूनिट के प्रभारी विनोद शर्मा ने लोकल 18 को बताया कि हर महीने यह आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. पहले कुत्तों के काटने के मामले ज्यादा आते थे, लेकिन अब बंदरों के काटने के मामले भी सामने आ रहे हैं. रोजाना छोटे बच्चे, युवा और वृद्ध एआरबी की वैक्सीन लगवाने आते हैं. मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा होने को देखकर हमने एडवांस में 3 महीने का स्टॉक सुरक्षित रखा है. एआरबी वैक्सीन की तीन डोज 3 दिन के अंतराल और अंतिम वैक्सीन 7 दिन के अंतराल के बाद लगाई जाती है, जो सरकार की ओर से नि:शुल्क है.
जिले में आज तक किसी बंदर और कुत्ते की नहीं हुई नसबंदी
कुत्तों और बंदरों की बढ़ती तादाद को लेकर नगर परिषद और पशु पालन विभाग मिलकर काम करते हैं. नगर परिषद सड़कों पर घूमने वाले कुत्तों और बंदरों को पकड़ती है. वहीं पशुपालन विभाग कुत्तों और बंदरों के नसबंदी का ऑपरेशन कर उनकी बढ़ती जनसंख्या काबू करने में सहभागिता अदा करता है. नगर परिषद द्वारा ऑपरेशन थिएटर का निर्माण नहीं कराने की वजह से श्वान और बंदरों की नसबंदी नहीं हो रही है.
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नहीं हो पा रही इन जानवरों की नसबंदी
मुख्य पशु चिकित्सक, पशुपालन विभाग धौलपुर संत कुमार सिंह ने Local 18 को बताया कि नगर परिषद ने बंदरों और आवारा कुत्तों को पकड़ने का अभियान नहीं चलाया है. इस वजह से इन जानवरों की नसबंदी नहीं हो पाई है. हमारा काम नसबंदी कराना है, उन्हें पकड़कर लाने का काम नगर परिषद के जिम्मे है. नगर परिषद धौलपुर आयुक्त अशोक शर्मा ने बताया कि आवारा कुत्तों और बंदरो के पकड़ने के लिए जल्द टेंडर जारी कर दिए जाएंगे. शासन से स्वीकृति मिल गयी है. शहर से जल्द बंदर और आवारा कुत्ते पकड़े जाएंगे.
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FIRST PUBLISHED :
September 30, 2024, 14:46 IST