Agency:News18 Himachal Pradesh
Last Updated:February 03, 2025, 11:08 IST
Basant Panchami 2025: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में बसंत पंचमी का पर्व अनोखे अंदाज में मनाया जाता है. यहां रघुनाथ यात्रा निकलती है और राम-भरत मिलन भी होता है. ये परंपरा बहुता पुरानी है और इसमें सभी सम्मिलित होते ...और पढ़ें
कुल्लू में रघुनाथ यात्रा.
हाइलाइट्स
- कुल्लू में बसंत पंचमी पर रघुनाथ रथयात्रा निकाली गई
- रथ यात्रा में राम-भरत मिलन की परंपरा निभाई गई
- हनुमानजी द्वारा लगाए गए रंग को शुभ माना गया
कुल्लू: बसंत पंचमी का त्योहार कुल्लू में अनूठे अंदाज में मनाया जाता है. यहां भगवान रघुनाथ की रथयात्रा के साथ उत्सव मनता है. रथयात्रा के दौरान प्रभु श्रीराम और भरत का मिलन भी होता है. इस दौरान यहां वैरागी समुदाय से संबंध रखने वाले लोग गुरु वशिष्ठ और हनुमानजी की भूमिका निभाते हैं.
कुल्लू के आराध्य देव भगवान रघुनाथ साल में 2 त्योहारों पर रथ में विराजमान होते हैं. दशहरा उत्सव और बसंत पंचमी के दिन रथयात्रा निकाली जाती है. भगवान रघुनाथ के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने बताया कि लंका पर विजय के बाद जब भगवान रघुनाथ अयोध्या लौट रहे थे, तब चित्रकूट पहुंचने पर भगवान को विचार आया कि भरत नंदी गांव में ही इतने वर्षों से पूजा कर रहे हैं.
ऐसे में भरत के मन को जानने के लिए भगवान राम ने अपने गुरु वशिष्ठ और हनुमानजी को भेजा. ऐसे में भगवान रघुनाथ के आने का इंतज़ार कर रहे भरत खुशी से दौड़े-दौड़े गुरु और हनुमानजी के साथ भगवान राम से मिलने पहुंचे. इस दौरान यहां बसंत पंचमी के दिन इसी रिवायत को पूरा किया जाता है.
बसंत पंचमी पर भरत मिलाप
कुल्लू में बसंत पंचमी पर श्रीराम और भरत के मिलन की रिवायत को निभाया जाता है. एकादशी महंत बताते हैं कि इस मौके पर वैरागी समुदाय के लोग ही गुरु वशिष्ठ और हनुमानजी की भूमिका निभाते हैं. मंदिर के पुजारी भरत और श्रीराम बनकर एक दूसरे को गले लगाते हैं. इस खुशी के अवसर पर हनुमानजी झूमते हुए सभी को रंग लगाते हैं. ऐसे में यहां भगवान हनुमान द्वारा लगाए गए रंग को शुभ माना जाता है.
Location :
Kullu,Himachal Pradesh
First Published :
February 03, 2025, 11:08 IST