Last Updated:February 03, 2025, 14:20 IST
Atul Subhash Murder Case: राज्यसभा में अतुल सुभाष की मौत पर चर्चा हुई. बीजेपी सांसद डॉ दिनेश शर्मा ने घरेलू हिंसा कानून को जेंडर न्यूट्रल बनाने की मांग की और झूठे आरोप लगाने वालों पर सख्त कार्रवाई की बात कही. ए...और पढ़ें
हाइलाइट्स
- अतुल सुभाष की मौत का मुद्दा संसद में बीजेपी सांसद ने उठाया.
- सांसद ने घरेलू हिंसा कानून को जेंडर न्यूट्रल बनाने की मांग की.
- झूठे आरोप लगाने वालों पर सख्त कार्रवाई की मांग की गई.
Atul Subhash Murder Case: आज संसद के बजट सत्र के तीसरे दिन राज्यसभा में बेंगलुरु के एआई इंजीनियर अतुल सुभाष की मौत का मामला भी चर्चा में रहा। अतुल ने अपनी बीवी की प्रताड़ना से तंग आकर जान दे दी थी। बीजेपी सांसद डॉ दिनेश शर्मा ने देश में इस तरह के मामले बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त की। साथ ही कहा कि घरेलू हिंसा से जुड़े मामलों से जुड़े कानून को जेंडर न्यूट्रल बनाया जाना चाहिए। कहा गया कि झूठे आरोप लगाने वालों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
संसद में अपना पक्ष रखते हुए उन्होंने कहा कि मैं ऐसा मुद्दा उठा रहा हूं जो हमारे संविधान द्वारा दिए गए समानता के मूल में है. पुरुष और महिलाओं दोनों के लिए संतुलित कानून की जरूरत है। एनसीआरबी के 2022 में अपनी जान देने वाले 72 प्रतिशत पुरुष थे। एक लाख 25 हजार से ज्यादा पुरुष ने जान दी. महिलाओं की संख्या 47 हजार से ज्यादा है. साल 2014 से 2021 के बीच पुरुषों और महिलाओं के अनुपात में वृद्धि हुई है. इस दौरान 107.5 पुरुषों की मौत के पीछे का कारण पारिवारिक बताया है.
अतुल सुभाष अपनी पत्नी से था तंग
सांसद ने संसद में आगे कहा कि महिलाओं को घरेलू हिंसा और शोषण से बचाने में हमारे कानून ने काफी प्रगाति की है लेकिन कई पुरुष भी इस तरह की चिंताओं का सामना कर रहे हैं. हाल में ही बिहार के निवासी अतुल सुभाष के मामले ने इसे उजागार किया है. बेंगलुरु में काम करने वाले अतुल सुभाष ने बताया था कि उनकी पत्नी ने उत्पीड़न के झूठे मामले में उसे फंसाया है. इसके चलते उन्होंने अपनी जान दे दी.
कानून को जेंडर न्यूट्रल बनाया जाए
सांसद ने कहा कि अतुल सुभाष का मामला बताता है कि झूठे आरोपों का सामना करने वाले पुरुषों के लिए समर्थन करने के लिए कानून नहीं है. भारतीय न्याय संहिता का धारा 85 जैसे प्रावधानों के दुपयोग भी बड़ी चिंता का विषय है. मैं माननीय मंत्री मोहदय से चाहता हूं कि घरेलु हिंसा और उत्पीड़न से जुड़े कानूनों में जेंडर न्यूट्रल बनाया जाए. अगर सिस्टम की कमी के कारण एक शख्स भी जान दे देता है तो हमारे लिए आत्ममंथन का समय है. झूठे आरोप लगाने वालों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए.
First Published :
February 03, 2025, 14:20 IST