सलूंबर के सराड़ी गांव में पिंजरे में फंसे लेपर्ड के दो शावक...

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Agency:News18 Rajasthan

Last Updated:February 03, 2025, 17:06 IST

Udaipur News : वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि पैंथर, शेर, चीता और बिल्ली जैसी प्रजातियों के शावकों को इंसानी स्पर्श से दूर रखना बेहद जरूरी है. विशेषज्ञ बताते हैं कि यदि इंसान इन शावकों को छू ले तो मां उन्हें ...और पढ़ें

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पैंथर

पैंथर के शावक

उदयपुर : सलूंबर के सराड़ी गांव में लेपर्ड के दो शावक वहां लगाए गए पिंजरे में फंस गए. यह घटना सलूंबर जिला मुख्यालय से लगभग 21 किलोमीटर दूर घटी, जहां वन विभाग बीते डेढ़ महीने से लेपर्ड के मूवमेंट पर नजर रखे हुए था और उसे पकड़ने के लिए पिंजरे लगा रहा था.

वन विभाग ने बताया कि लेपर्ड के मूवमेंट को ध्यान में रखते हुए 30 जनवरी को आबादी और खेतों के पास एक पिंजरा लगाया गया था. जब वहां कोई हलचल नहीं दिखी तो 31 जनवरी की शाम को पिंजरे को ढोल कांकर इलाके के एक मंदिर के पास शिफ्ट कर दिया गया. देर रात तक विभागीय स्टाफ तैनात रहा, लेकिन कोई गतिविधि नहीं दिखी.रात को स्टाफ वहां से चला गया, लेकिन अगली सुबह पिंजरे में दो शावक पाए गए.

मां की तलाश में दूसरा पिंजरा
वन विभाग के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती इन शावकों की मां को पकड़ना है. क्षेत्रीय वन अधिकारी (RO) दिलीप सिंह चौहान ने बताया, ‘हमें चिंता है कि शावकों को मां से अलग रखने पर वे सदमे में आ सकते हैं. इसलिए शावकों को उसी पिंजरे में रखा गया है और उनके पास ही एक और पिंजरा लगाया गया है ताकि मां उसमें फंस जाए.

क्षेत्रीय वन अधिकारी के अनुसार, जब तक मां नहीं मिलती, शावकों को पिंजरे से बाहर नहीं निकाला जाएगा.इस मामले में वन्यजीव विशेषज्ञों की सलाह भी ली जा रही है ताकि शावकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.

शावकों को हाथ लगाना खतरनाक
वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि पैंथर, शेर, चीता और बिल्ली जैसी प्रजातियों के शावकों को इंसानी स्पर्श से दूर रखना बेहद जरूरी है.विशेषज्ञ बताते हैं कि यदि इंसान इन शावकों को छू ले तो मां उन्हें पहचानने से इनकार कर सकती है, जिससे शावकों को गंभीर खतरा हो सकता है क्योंकि वे खुद शिकार नहीं कर सकते और मां दूध नहीं पिलाएगी.यही वजह है कि वन विभाग पूरी सतर्कता बरत रहा है.

लेपर्ड मूवमेंट के पीछे का कारण
RO चौहान ने बताया कि इस क्षेत्र में जंगल नहीं है, लेकिन खेतों, राजस्व विभाग की खाली जमीनों और जलाशयों के कारण लेपर्ड यहां अक्सर दिखाई देते हैं.लेपर्ड पानी पीने और शिकार की तलाश में भी इस इलाके का रुख करता है. इस घटना के बाद से क्षेत्र में सतर्कता बढ़ा दी गई है और ग्रामीणों से भी सावधानी बरतने की अपील की गई है.अब सभी की निगाहें शावकों की मां के पिंजरे में फंसने पर टिकी हैं ताकि उन्हें सुरक्षित वातावरण में छोड़ा जा सके.

Location :

Udaipur,Rajasthan

First Published :

February 03, 2025, 17:06 IST

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सलूंबर के सराड़ी गांव में पिंजरे में फंसे लेपर्ड के दो शावक...

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