मेले में खिलौनों से ज्यादा बिक रहे सिलबट्टे, सासाराम-राजस्थान के पत्थर पीछे

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Agency:News18 Jharkhand

Last Updated:February 03, 2025, 17:09 IST

Health Benefits of Silbatta: गोड्डा मेले में सासाराम और राजस्थान के सिलबट्टे आकर्षण का केंद्र तो बने हुए हैं, लेकिन खरीदार गोड्डा के पहाड़ी पत्थरों से बने सिलबट्टों को ही प्राथमिकता दे रहे हैं.

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गोड्डा 

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हाइलाइट्स

  • गोड्डा मेले में सिलबट्टे की अधिक मांग.
  • स्थानीय पत्थर के सिलबट्टे टिकाऊ और स्वादिष्ट.
  • गोड्डा के सिलबट्टे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद.

Importance Of Silbatta: गोड्डा जिले में हर साल लगने वाला राजकीय गणतंत्र मेला इस बार भी कई आकर्षणों से भरा हुआ है. मेले में सिलबट्टा और चक्की का एक विशेष बाजार लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहा है. यहां गोड्डा के पहाड़ी पत्थरों से बने सिलबट्टे और चक्की के अलावा बिहार के सासाराम और राजस्थान के पत्थरों से बने सिलबट्टे भी बिकने के लिए आए हैं. हालांकि, दुकानदारों का मानना है कि सासाराम और राजस्थान के पत्थर से बने सिलबट्टे केवल दिखने में सुंदर होते हैं, लेकिन गुणवत्ता और स्वाद के मामले में गोड्डा जिले के पत्थर से बने सिलबट्टे अधिक पसंद किए जा रहे हैं.

स्थानीय पत्थर के सिलबट्टे क्यों हैं खास
गोड्डा में सिलबट्टा बेचने वाले गणेश मंडल बताते हैं कि उन्होंने खूबसूरती के लिए राजस्थानी और सासाराम के पत्थरों से बनी चक्की और सिलबट्टे भी रखे हैं, लेकिन ग्राहक ज्यादातर गोड्डा के पहाड़ी पत्थरों से बने सिलबट्टे ही खरीद रहे हैं.

कीमत में बड़ा अंतर 
राजस्थानी और सासाराम का सिलबट्टा पांच सौ से छह सौ रुपये में उपलब्ध है, जबकि गोड्डा के पहाड़ी पत्थर से बने सिलबट्टे आठ सौ से पंद्रह सौ रुपये तक की कीमत में बिक रहे हैं. इसके बावजूद लोग महंगे सिलबट्टे को ही प्राथमिकता दे रहे हैं.

गोड्डा के सिलबट्टे में स्वाद और सेहत का अनोखा मेल
गोड्डा के पहाड़ी पत्थर से बने सिलबट्टे में मसाले, दाल और गेहूं पीसने के बाद चोकर की मात्रा अधिक बनी रहती है. चोकर पाचन के लिए बहुत फायदेमंद होता है, जिससे आटे और मसालों में पौष्टिकता बनी रहती है. यही कारण है कि लोग इसे ज्यादा पसंद कर रहे हैं.

वहीं सासाराम और राजस्थानी पत्थर से बने सिलबट्टे और चक्कियों में अनाज और मसाले बहुत जल्दी पीस जाते हैं और अत्यधिक महीन हो जाते हैं, जिससे स्वाद और पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं.

स्थानीय पत्थर का सिलबट्टा क्यों खरीद रहे हैं लोग
पहाड़ों से निकले पत्थर से बने सिलबट्टे अधिक टिकाऊ होते हैं और उनसे पीसे गए मसाले और अनाज का स्वाद बरकरार रहता है. स्थानीय सिलबट्टे में पीसे गए मसाले ज्यादा सुगंधित होते हैं, जिससे उनके उपयोग से खाने का स्वाद बढ़ जाता है. गोड्डा के पहाड़ी पत्थर से बनी चक्की और सिलबट्टा लंबे समय तक चलते हैं और इनकी मजबूती भी अधिक होती है.

गोड्डा का सिलबट्टा ब्रांड बनने की ओर
गोड्डा के सिलबट्टे और चक्की को केवल स्थानीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि अन्य जिलों और राज्यों से भी लोग खरीदने आ रहे हैं. यदि इसी तरह इनकी मांग बढ़ती रही तो गोड्डा का सिलबट्टा जल्द ही एक लोकप्रिय ब्रांड बन सकता है.

Location :

Godda,Jharkhand

First Published :

February 03, 2025, 17:09 IST

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मेले में खिलौनों से ज्यादा बिक रहे सिलबट्टे, सासाराम-राजस्थान के पत्थर पीछे

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