व्यास नदी के जल से भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हुए
Kullu News: कुल्लू में बारिश की कामना के लिए भूतनाथ मंदिर में जलछाई का आयोजन किया गया. इस धार्मिक अनुष्ठान के दौरान व् ...अधिक पढ़ें
- News18 Himachal Pradesh
- Last Updated : November 17, 2024, 13:42 IST
कुल्लू. देवभूमि कुल्लू में लोगों की देवी देवताओं के प्रति असीम आस्था है. ऐसे में माना जाता है कि भगवान की कृपा से घाटी में बारिश और बर्फबारी भी होती है. कुल्लू घाटी में बीते 4 महीने से बारिश न होने के चलते सूखे जैसे हालात बने हुए है. बारिश न होने से जहां फसले सूख रही है, तो वहीं लोगों को आने वाले गर्मियों के मौसम में पेयजल संकट गहराने की चिंता सताने लगी है. ऐसे में कुल्लू में बारिश जल्द हो इसको लेकर देवभूमि जागरण मंच और अन्य हिंदू संगठनों की ओर से कुल्लू के भूतनाथ मंदिर जलछाई का कार्यक्रम किया गया .
क्या होती है जलछाई?
मान्यता है कि भागवन शिव को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है. ऐसे में शिवलिंग के चारों ओर को जगह को बंद करके, जलाभिषेक करके शिवलिंग को पानी में जलमग्न किया जाता है. जब शिवलिंग पूरा का पूरा इस जल में डूब जाए तब माना जाता है कि जलछाई पूरी हुई है.
भूतनाथ मंदिर में हुआ जलछाई
व्यास नदी के पानी से भगवान शिव का जलाभिषेक किया गया. आज सुबह 7:00 बजे से ही मंदिर में श्रद्धालु पहुंचे थे और व्यास नदी से पानी इकट्ठा करके भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने में जुटे हुए थे. ढाई घंटों के कड़ी मेहनत के बाद भगवान भोलेनाथ को जलमग्न करने में यह श्रद्धालु सफल हुए.
35 साल पहले भी की गई थी जलछाई
इस दौरान देवभूमि जागरण मंच के उपाध्यक्ष रोहित राणा ने कहा कि करीब 30- 35 साल पहले भी इस तरह का कार्यक्रम आयोजित किया गया था. जब घाटी में बारिश न होने के चलते भगवान भोलेनाथ से बारिश बरसाने की गुहार लगाई गई यही. और उसके बाद यहां पर बारिश हुई थी. ऐसे में आज भी इसी गुहार के साथ सुबह 7:00 से श्रद्धालु यहां मंदिर में पहुंचे और सभी के श्रमदान के माध्यम से भोलेनाथ का जलाभिषेक किया. भोलेनाथ की पिंडी पानी में पूरी तरीके से डूब जाने पर ही यह जलछाई संपूर्ण हुई.
बारिश की कमाना के लिए पूरी हुई जलछाई
वही हिंदू संगठन से आए भीम कटोच ने कहा कि घाटी में बारिश न होने के चलते आगजनी और अन्य मामले सामने आ रहे है. ऐसे में घाटी में जल्द बारिश की कामना को लेकर सभी श्रद्धालुओं ने भूतनाथ मंदिर में आज रविवार को श्रमदान के माध्यम से शिवजी का जलाभिषेक किया. जलछाई पूरी होने से अब घाटी में जल्द ही बारिश होने की उम्मीद भी जागी है.
घाटी में बारिश होने की जागी उम्मीद
क्षितिज सूद ने बताया की बारिश न होने पर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग को पानी में जल्दमग्न किया जाता है. ऐसे में आज यहां मंदिर में जलछाई की गई है. ताकि भगवान शिव प्रसन्न होकर घाटी में जल्द से जल्द बारिश करे और किसानों को फसलें बीजने के लिए पानी उपलब्ध हो सके.
सभी के सहयोग के पूरी हुई जलछाई
यशपाल शर्मा ने बताया कि आज उन्होंने भी इस जलछाई के कार्यक्रम में हिस्सा लिया. हालांकि सुबह से कई युवा व्यास नदी के ठंडे पानी में जाकर जलाभिषेक के कोई पानी निकल रहे है. लेकिन कई घाटों की मेहनत के बाद ही सभी के सहयोग से यह जलछाई सफल हो पाई.
Editer- Anuj Singh
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FIRST PUBLISHED :
November 17, 2024, 13:42 IST