गोबर से बनी चीजों की देशभर में बढ़ी है डिमांड.
अनुराग पाण्डेय/भोपाल: भोपाल हाट में चल रहे राष्ट्रीय खादी महोत्सव के दौरान Local18 की मुलाकात भोपाल के एक ऐसे कलाकार से हुई. जिन्होंने कोरोना काल में नौकरी छूटने के बाद गाय के गोबर से अद्भुत शिल्पकला की शुरुआत की. जितेंद्र, जो पहले नौकरी करते थे, अब गोबर आर्ट के जरिए देश और विदेश में अपनी पहचान बना रहे हैं.
भोपाल के गोबर आर्टिस्ट जितेंद्र बताते हैं कि, उन्होंने पढ़ाई में एमबीए करके रखा है. वह 2005 से ही नौकरीपेशा थे. फिर कोरोना लॉकडाउन के समय उनकी नौकरी छूट गई. जिसके बाद उन्होंने अपनी मां के गाइडेंस में गोबर से कलाकृतियां बनाना शुरू किया.जिसकी अब देश ही नही विदेशों में भी धूम है.
पत्नी करती हैं कलाकृतियां की डिजाइन
गोबर आर्टिस्ट जितेंद्र बताते हैं कि, उनकी पत्नी ने एमए इन चित्रकला में पढ़ाई पूरी की है. उनकी पत्नी और माता जी ही हैं. जिन्होंने जितेंद्र के गोबर आर्ट की शुरुआत में मदद की. उनकी पत्नी जहां सभी प्रोडक्ट के डिजाइन का काम देखती है. वहीं उनकी माता जी बाकीं सभी कामों में जितेंद्र को मदद करती हैं.
गोबर की बढ़ी है कीमत और डिमांड
जितेंद्र जो पिछले 5 वर्षों से गोबर आर्टिस्ट हैं वो कहते हैं कि, पहले गाय माता को लोग बस दूध के कारण पालते थे. जब गाय दूध देना बंद कर देती थी. आवारा छोड़ देते थे पर जब से गोबर आर्ट शुरू हुआ है. उसके बाद अब गोबर की डिमांड बढ़ी है. अब गोबर 100 रुपए किलो बिक रहा है. जिसके परिणाम स्वरूप अब गाय माता को लोग आवारा नही छोड़ रहे हैं और इसमें कमी आई है.
गोबर के दियों की खूब हो रही मांग
दिवाली के ठीक पहले जितेंद्र बताते हैं कि, “हमारे गोबर से बने दियों की मांग बढ़ी है. यह ईको-फ्रेंडली दिया मात्र 6 रुपए का एक पीस मिलता है.जिसके कारण इन शुद्ध दियों की खूब मांग हो रही है. हमने अभी महाराष्ट्र और उत्तराखंड में कई हजारों दियें भेजे हैं.
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FIRST PUBLISHED :
October 21, 2024, 13:58 IST