Agency:Local18
Last Updated:January 21, 2025, 13:49 IST
Who is V Kamakoti: IIT मद्रास के डायरेक्टर वी कामकोटि ने गोमूत्र के फायदों को लेकर बयान दिया, जिसमें उन्होंने इसके एंटीबैक्टीरियल और पाचन संबंधी फायदे बताए. जिसको लेकर चर्चा में आ गए हैं और उनका दावा विवादों मे...और पढ़ें
चेन्नई: IIT मद्रास के डायरेक्टर वी कामकोटि (V Kamakoti) ने गोमूत्र को लेकर जो दावा किया है, उससे एक नया विवाद खड़ा हो गया. सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में वो गोमूत्र के बारे में बात करते हुए नजर आए. ये वीडियो 15 जनवरी 2025 को एक कार्यक्रम का था. जिसमें उन्होंने गोमूत्र के एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और पाचन को लेकर फायदों के बारे में बताया और यह दावा किया कि गोमूत्र का सेवन करने से पाचन की समस्या जैसे कि इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS) का इलाज हो सकता है और इसी के चलते वो चर्चा में आ गए.
गोमूत्र और एक साधु का उदाहरण
दरअसल, कार्यक्रम में कामकोटि ने एक साधु के बारे में एक किस्सा भी शेयर किया. जिन्होंने कथित रूप से ‘गोमूत्र’ पीकर बुखार को ठीक किया. उनका कहना था कि गोमूत्र का सेवन करने के बाद साधु का बुखार 15 मिनट के भीतर गायब हो गया.
कौन हैं वी कामकोटि?
बता दें कि वी कामकोटि IIT मद्रास के डायरेक्टर हैं और वो 2022 में इस पद हैं. इससे पहले, वह IIT मद्रास के कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में प्रोफेसर थे. IIT मद्रास के ही Alumnus कामकोटि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के भी एक्सपर्ट हैं. उन्होंने भारत के पहले स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर ‘शक्ति’ (Indigenous microprocessor ‘Shakti’) के विकास में अहम भूमिका निभाई है. यह माइक्रोप्रोसेसर मोबाइल कंप्यूटिंग उपकरणों और नेटवर्किंग सिस्टम के लिए डिजाइन किया गया था.
कामकोटि का रिसर्च और पुरस्कार
बता दें कि कामकोटि के रिसर्च क्षेत्र में VLSI डिजाइन, हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग, क्लस्टर कंप्यूटिंग, एल्गोरिदम और Data Structures जैसे क्षेत्र शामिल हैं. उन्हें कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं, जिनमें DRDO अकादमी एक्सीलेंस अवार्ड, अब्दुल कलाम टेक्नोलॉजी इनोवेशन नेशनल फेलोशिप, IBM फैकल्टी अवार्ड और IITM यंग फैकल्टी रिकग्निशन अवार्ड शामिल हैं. प्रोफेशनल काम के अलावा कामकोटि की जैविक खेती में भी रुचि है और साथ ही वे संगीत में भी ट्रेंड हैं, खासकर वायलिन में.
कामकोटि ने अपने बयान का किया बचाव
वहीं, सोमवार को, कामकोटि ने गोमूत्र के फायदे को लेकर दिए गए अपने बयान का बचाव करते हुए बताया कि उन्होंने इस बारे में अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान पत्रिकाओं (International Science Journals) से प्रूफ भी शेयर किए हैं. उनका कहना था कि उनकी बातें संदर्भ से बाहर निकाली गईं हैं.
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उन्होंने कहा, “गोमूत्र के एंटी-फंगल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों को वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित किया गया है. अमेरिका के टॉप जर्नल्स ने इस पर वैज्ञानिक प्रमाण प्रकाशित किए हैं. यह अहम है कि मेरी टिप्पणियां जैविक खेती और स्वदेशी गायों की नस्लों की सुरक्षा के संदर्भ में की गई थीं, जो कृषि और पूरी अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं.” उन्होंने प्रेस को अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं, जैसे ‘नेचर’ के कागजात भी दिए, जिनके अनुसार उनकी बातों का समर्थन किया गया है.
First Published :
January 21, 2025, 13:48 IST