वाशिंगटन:
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण के बाद वाशिंगटन डीसी में क्वाड विदेश मंत्रियों की पहली बैठक (Quad Foreign Ministers Meeting) हुई. इस बैठक में शामिल होने के लिए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) भी पहुंचे. जयशंकर के साथ उनके नए अमेरिकी समकक्ष मार्को रुबियो भी इस महत्वपूर्ण बैठक में शामिल हुए. साथ ही जापान के विदेश मंत्री ताकेशी इवाया और ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग ने भी शिरकत की.
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो क्वाड की बैठक के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ अपनी पहली द्विपक्षीय बैठक करेंगे. एस जयशंकर अमेरिकी सरकार के निमंत्रण पर संयुक्त राज्य अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए यहां आए हैं. ट्रंप ने सोमवार को अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ ली.
फॉगी बॉटम मुख्यालय में होगी बैठक
विश्व के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले दो शीर्ष राजनयिकों के बीच यह बैठक विदेश विभाग के फॉगी बॉटम मुख्यालय में होगी, जो उसी भवन में पहली क्वाड मंत्रिस्तरीय बैठक के तुरंत बाद होगी.
क्वाड ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका का एक अनौपचारिक समूह है. यह (क्वाड) पहले कार्यकाल में ट्रंप प्रशासन की पहल थी. बाइडन प्रशासन ने इसे नेतृत्व स्तर तक बढ़ा दिया है.
भारत के साथ पहली बैठक का क्या है मतलब?
रूबियो का क्वाड मंत्रिस्तरीय - पहली बहुपक्षीय बैठक के रूप में - और भारत के साथ पहली द्विपक्षीय बैठक करने का निर्णय इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि नए प्रशासन का पहला विदेशी संपर्क पारंपरिक रूप से अपने दो पड़ोसियों कनाडा और मेक्सिको या अपने नाटो सहयोगियों के साथ रहा है.
फ्लोरिडा से पूर्व अमेरिकी सीनेटर रुबियो को अमेरिकी सीनेट ने सर्वसम्मति से 99-0 मतों से मंजूरी दी. सभी मौजूदा 99 सीनेटरों ने रुबियो के पक्ष में मतदान किया, जिसमें खुद रुबियो भी शामिल थे. उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के ओहायो से अमेरिकी सीनेटर के पद से इस्तीफा देने के बाद वर्तमान में सीनेट में एक स्थान रिक्त है.