अंग्रेजों का बनाया पुल चला 108 साल, भारतीयों का बनाया 58 वर्ष, क्‍यों?

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Agency:moneycontrol.com

Last Updated:January 22, 2025, 09:33 IST

Pamban Bridge Lifespan- पुराना पंबन ब्रिज अंग्रेजों ने बनाया था और यह 108 साल तक चला. अब रामेश्‍वरम में नया पंबन ब्रिज बनाया गया है, जो अधिकतम 58 साल तक सेवा में रहेगा.

अंग्रेजों का बनाया पुल चला 108 साल, भारतीयों का बनाया 58 वर्ष, क्‍यों?

समु्द्री जहाज इस पुल के नीचे से गुजरेंगे तो यह ऊपर उठ जाएगा.

नई दिल्‍ली. भारत के पहले वर्टिकल लिफ्ट रेलवे सी ब्रिज, पंबन ब्रिज का जल्‍द ही उद्घाटन होने वाला है. 2.07 किलोमीटर लंबा यह ब्रिज रामेश्वरम द्वीप को मुख्य भूमि से जोड़ता है. यह पुल आधुनिक इंजीनियरिंग और तकनीक का एक उत्कृष्ट उदाहरण है. रेलवे के अनुसार, इसे भविष्य की यातायात जरूरतों को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है. नव-निर्मित पंबन ब्रिज 108 साल पुराने पुल का स्‍थान लेगा. खास बात यह है कि नए पुल की आयु पुराने पुल से कम होगी, जबकि इसे आधुनिक तकनीक से बनाने का दावा किया गया है. गौरतलब है कि रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने भी इस पुल के निरीक्षण के दौरान पुल के संक्षारण-रोधी उपायों पर सवाल उठाए थे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2019 में नए पंबन पुल की आधारशिला रखी थी. इस परियोजना का काम फरवरी 2020 में शुरू हुआ, जिसे दिसंबर 2021 तक पूरा होना था. हालांकि, कोविड-19 महामारी और चुनौतीपूर्ण मौसम स्थितियों के कारण परियोजना में देरी हुई. हर साल लाखों तीर्थयात्री रामेश्वरम में विश्वप्रसिद्ध रामनाथस्वामी मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं. नया पंबन ब्रिज पंबन और रामेश्वरम के बीच रेल यातायात को बढ़ाएगा. धनुषकोडी की यात्रा पर जाने वाले यात्री भी इस नए ब्रिज का इस्तेमाल करेंगे. नए ब्रिज पर दो रेल पटरियां बिछाईं गई हैं. पुराना ब्रिज सिंगल लाइन का है. बड़े समुद्री जहाजों जब इसके नीचे से गुजरेंगे तो इसके एक हिस्‍से को 17 मीटर तक ऊपर उठाया भी जा सकेगा.

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कितना चलेगा नया पंबन ब्रिज
नए पंबन ब्रिज की आयु बिना किसी रखरखाव के 38 साल और रखरखाव के साथ अधिकतम 58 साल आंकी गई है. पुराना पंबन ब्रिज, जिसे ब्रिटिश इंजीनियरों ने 1914 में बनाया था, 23 दिसंबर 2022 तक ट्रेन सेवाओं के लिए इसतेमाल किया गया था. यह अत्यधिक संक्षारक वातावरण (Highly-Corrosive Environment) और अप्रत्याशित मौसम स्थितियों के बावजूद 108 वर्षों तक सक्रिय रहा. इसके विपरीत नया पुल तकनीकी रूप से उन्नत होने के बावजूद पुराने पुल के मुकाबले कम समय के लिए चलेगा.

नए पुल की विशेषताएं
रेलवे के दस्तावेज़ के अनुसार, संक्षारण-रोधी सतह सुरक्षा प्रणाली पुल की आयु को बिना रखरखाव के 38 साल और न्यूनतम रखरखाव के साथ 58 साल तक बढ़ा सकती है. दक्षिण रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि नए पुल पर पॉलीसिलोक्सेन पेंट का इस्‍तेमाल किया गया है, जो अत्यधिक संक्षारण-प्रवण क्षेत्रों में दीर्घकालिक स्थायित्व सुनिश्चित करता है. दक्षिण रेलवे के एक अधिकारी ने कहा, “हमें विश्वास है कि नया पुल बिना रखरखाव के 38 साल और न्यूनतम रखरखाव के साथ 58 साल टिक सकता है. हालांकि, यह पुराने पुल की तरह एक सदी तक सेवा दे सके, तो यह हमारी सफलता होगी.”

क्‍यों ज्‍यादा चला पुराना पंबन ब्रिज
दक्षिण रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि ब्रिटिश इंजीनियरों ने पुराने पुल पर एक विशेष प्रकार के चांदी के पेंट का इस्‍तेमाल किया था, जो इसे लंबे समय तक टिकाऊ बनाने में सहायक रहा. हालांकि, इसकी लागत काफी अधिक थी. इसके विपरीत नए पुल में आधुनिक पेंट का उपयोग किया गया है, जो वैश्विक मानकों के अनुसार है. रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने नए पुल की अनुमानित आयु और निर्माण मानदंडों पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने पुल निर्माण में संक्षारण-रोधी उपायों और निष्पादन की गुणवत्ता में सुधार की सिफारिश की है.

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New Delhi,New Delhi,Delhi

First Published :

January 22, 2025, 09:33 IST

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