दिल्ली विधानसभा चुनाव में 'रेवड़ियों' के ऐलान का दौर जारी है. आम आदमी पार्टी (AAP) ने मंगलवार मिडिल क्लास के लिए अपना घोषणापत्र जारी किया. केजरीवाल ने आगामी बजट को मिडिल क्लास को समर्पित करने की मांग करते हुए केंद्र सरकार के सामने 7 मांगे रखीं. केजरीवाल ने कहा कि उनकी पार्टी सड़क से संसद तक मीडिल क्लास की आवाज को बुलंद करेगी. बजट सत्र में आम आदमी पार्टी के सांसद मिडिल क्लास की आवाज उठाएंगे.
मोदी सरकार से केजरीवाल की 7 मांगे
1-शिक्षा का बजट 2 पर्सेंट से बढ़ाकर 10 पर्सेंट किया जाए. प्राइवेट स्कूलों की फीस पर लगाम लगाई जाए
2-उच्च शिक्षा के लिए सब्सिडी और स्कॉलशिप मिले
3- हेल्थ का बजट भी बढ़ाकर 10 पर्सेंट किया जाए और हेल्थ इंश्योरेंस से टैक्स हटाएं
4- इनकम टैक्स की सीमा में छूट को 7 से बढ़ाकर 10 लाख करें.
5- आवश्यक वस्तुओं से जीएसटी हटाई जाए.
6- सीनियर सीटिजन्स के लिए मजबूत रिटायरमेंट प्लान और पेंशन की योजना बने. देश के सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पताल में मुफ्त इलाज हो
7-बुजुर्गों को पहले रेलवे में 50 पर्सेंट छूट मिलती थी, उसे बंद कर दिया गया. उसे शुरू किया जाए.
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए अरविंद केजरीवाल ने घोषणा पत्र जारी किया है, जिसको उन्होंने मिडिल क्लास के लिए AAP का मैनिफेस्टो बताया है. इसमें उन्होंने कई बड़े ऐलान किए हैं. उन्होंने कहा कि मिडिल क्लास सिर्फ सरकार का एटीएम बनकर रह गया है. देश में मिडिल क्लास टैक्स टेरिरिज्म का शिकार हो रहा है. केजरीवाल ने कहा कि देश का मिडिल क्लास एक घर, बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा और अच्छा स्वास्थ्य चाहता है.
केजरीवाल ने कहा कि देश का मिडिल क्लास एक घर, बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा और अच्छा स्वास्थ्य चाहता है. इन्हीं सब जरूरतों को पूरा करने के लिए एक मिडल क्लास इंसान पूरी जिंदगी मेहनत करता है. वह यही उम्मीद करता है कि सरकार से उसे थोड़ी मदद मिल जाए. लेकिन ज्यादातर सरकारें न तो उनके लिए अच्छे स्कूल बना पा रही हैं और न ही उनको रोजगार और सुरक्षा दे पा रही हैं. यह वर्ग देश में सबसे ज्यादा परेशानी का शिकार होता है.अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर एक मिडिल क्लास परिवार साल में 10-12 लाख रुपए कमाता है तो उसे इनकम टैक्स, जीएसटी, टोल टैक्स, सेल्स टैक्स, प्रॉपर्टी टैक्स जैसे टैक्सों के नाम पर अपनी 50 प्रतिशत से ज्यादा आमनदनी टैक्स भरने में देनी पड़ती है.