Last Updated:January 22, 2025, 09:42 IST
Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या 29 जनवरी दिन बुधवार को है. मौनी अमावस्या पर पितरों के लिए दीप जलाने का भी विधान है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि मौनी अमावस्या पर पितरों के लिए दीपक कब ...और पढ़ें
मौनी अमावस्या का पावन पर्व हर साल माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है. इस साल मौनी अमावस्या 29 जनवरी दिन बुधवार को है. मौनी अमावस्या के अवसर पर पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और उसके बाद अपनी क्षमता के अनुसार दान करते हैं. इस दिन पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध आदि कर्म किए जाते हैं. मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज के संगम में स्नान और दान करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है. मौनी अमावस्या पर पितरों के लिए दीप जलाने का भी विधान है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि मौनी अमावस्या पर पितरों के लिए दीपक कब जलाएं? दीपक जलाने की विधि और महत्व क्या है?
मौनी अमावस्या 2025 मुहूर्त
माघ कृष्ण अमावस्या तिथि का प्रारंभ: 28 जनवरी, शाम 7 बजकर 35 मिनट से
माघ कृष्ण अमावस्या तिथि का समापन: 29 जनवरी, शाम 6 बजकर 5 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त: 05:25 ए एम से 06:18 ए एम तक
सूर्योदय: 07:11 ए एम से
सूर्यास्त: 05:58 पी एम पर
मौनी अमावस्या पर पितरों के लिए दीपक जलाने का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या के दिन पितर धरती पर आते हैं. इस दिन वे अपने वंश से जल से तर्पण, दान आदि की अपेक्षा करते हैं ताकि वे तृप्त हो सकें. शाम के समय में पितर वापस अपने पितृ लोक लौटते हैं. उनके रास्ते में अंधकार न हो, इस वजह से दीपक जलाते हैं. दीपक जलाने से वे सुगमता से अपने लोक जाते हैं और वे खुश होकर अपने वंश को आशीर्वाद देते हैं. इस वजह से पितरों के लिए अमावस्या पर दीपक जलाते हैं.
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मौनी अमावस्या पर पितरों के लिए दीपक जलाने का समय
मौनी अमावस्या के दिन आप अपने पितरों के लिए दीपक सूर्यास्त के बाद अंधेरा होने पर यानी प्रदोष काल में जलाएं. उस दिन सूर्यास्त शाम को 5 बजकर 58 मिनट पर होगा.
मौनी अमावस्या पर पितरों के लिए दीपक जलाने की विधि
1. मौनी अमावस्या की शाम मिट्टी का एक दीपक लें. उसे पानी से धोकर सूखा लें. उसके बाद समय होने पर उसे जलाएं.
2. मिट्टी के दीपक में सरसों का तेल भर लें और उसमें एक बाती लगा दें. फिर अपने पितरों को ध्यान करके उसे जलाकर घर के बाहर रख दें.
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3. दीपक को दक्षिण दिशा में रखना चाहिए. दक्षिण की दिशा को पितरों की दिशा मानते हैं.
4. इस दीपक को रातभर जलाकर रखना चाहिए. बहुत से लोग तिल के तेल का दीपक जलाते हैं. आपके पास सरसों या तिल में से जो तेल हो, उससे जला लें.
5. यदि आपने घर में पितरों की तस्वीर लगा रखी है तो उस जगह पर भी दीपक जला सकते हैं.
First Published :
January 22, 2025, 09:42 IST