Last Updated:January 22, 2025, 12:13 IST
Explainer- सर्दी में जहां आलस घेरे रखता है, वहीं नींद भी प्रभावित होती है. अक्सर लोग इस बात पर गौर नहीं करते लेकिन ऐसा होता है. इसकी कई वजहें हैं. अगर ठंड के मौसम में नींद के साथ लापरवाही बरती जाए तो व्यक्ति बी...और पढ़ें
मौसम बदलते ही व्यक्ति का रूटीन भी बदल जाता है. ठंड के मौसम में चलना, एक्सरसाइज करना या धूप में रहना कम हो जाता है जो इंसान की नींद को प्रभावित करता है. इसे विंटर इंसोमनिया कहते हैं. वैसे आजकल अधिकतर लोग अनिद्रा की समस्या से जूझ रहे हैं लेकिन सर्दी में यह बीमारी ज्यादा बढ़ जाती है. इस पर गौर करना और नींद को सुधारना बेहद जरूरी है.
क्यों होता है विंटर इंसोमनिया
पारस हॉस्पिटल में इंटरनल मेडिसिन के डॉ. संजय गुप्ता कहते हैं कि सर्दी के मौसम में नींद ना आने की कई वजह हैं. सबसे पहली वजह है सूरज की रोशनी कम होना. हमारी बॉडी की एक सर्केडियन रिदम होती है जिसे जैविक घड़ी भी कहते हैं. यह सूरज की रोशनी, मौसम और पर्यावरण के अनुसार चलती है. सर्दी के मौसम में कोहरे की वजह से सूरज नजर नहीं आता है. रोशनी कम होती है जिससे सर्केडियन रिदम प्रभावित हो जाती है. शरीर दिन और रात में फर्क नहीं कर पाता और इस वजह से व्यक्ति ना समय पर सो पाता और ना सुबह जल्दी उठ पाता है. नेचुरल लाइट कम होने या ना मिलने से बॉडी में सेरोटोनिन हार्मोन का लेवल कम हो जाता है जिससे व्यक्ति का मूड बदल जाता है और वह सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर का शिकार हो जाता है.
बाहर कम निकलना
सर्दियों में अक्सर लोग आलस के चलते मॉर्निंग वॉक या एक्सरसाइज करना कम कर देते हैं जिससे फिजिकल एक्टिविटी कम हो जाती है. घर से बाहर निकलना कम होता है और ऑफिस में पूरा दिन बैठे रहना पड़ता है जिससे बॉडी एक्टिव नहीं रहती. जब कोई एक्टिविटी नहीं होती तो शरीर को थकान भी महसूस नहीं होती जिससे रात को जल्दी नींद नहीं आती है.
दिन में नींद की झपकी लेने से बचना चाहिए (Image-Canva)
ठंडे तापमान से पड़ता फर्क
इस मौसम में वैसे ही तापमान कम होता है और जब व्यक्ति रात को सोने की कोशिश करता है तो शरीर का तापमान भी 1 से 2 डिग्री सेल्सियस अपने आप कम हो जाता है जिससे नींद टूट जाती है. ठंड के मौसम में अच्छी नींद सोने के लिए कमरे का टेंपरेचर थोड़ा गर्म होने चाहिए. इससे बॉडी कंफर्टेबल महसूस करती है. इस तरह नींद जल्दी और अच्छी आती है.
प्रदूषण भी वजह
उत्तरी भारत में सर्दी के मौसम में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है. लोग कई जगह ठंड से बचने के लिए अलाव जलाते हैं और धूल के कण भी ठंडे तापमान की वजह से नीचे रहते हैं. ऐसे में यह प्रदूषण सोने में खलल डाल सकता है क्योंकि शरीर को ताजी और साफ हवा नहीं मिल पाती है.
शुष्क हवा और एलर्जी से भी उड़ती नींद
सर्द हवाओं के बीच रूम हीटर या ब्लोअर का खूब इस्तेमाल होता है ताकि कमरा गर्म रहे. इससे हवा ड्राई हो जाती है और जब यह नाक के रास्ते गले तक पहुंचती है तो सांस लेने में मुश्किल होने लगती है. अगर किसी को स्लीप एपनिया या खर्राटे लेने की आदत है तो यह स्थिति और खतरनाक साबित हो सकती है. इसी तरह सर्दी के मौसम में धूल के कण, फफूंदी और फंगस जैसी चीजें सीलन की वजह से बढ़ जाती हैं. यह एलर्जेन श्वास तंत्र को प्रभावित करते हैं जिससे खांसी या छींक आने लगती है. इस वजह से भी नींद की क्वालिटी खराब होती है.
सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर का असर
सर्दियों में दिन छोटे और रातें लंबी होती हैं जिसका असर मेंटल हेल्थ पर पड़ता है. कुछ लोग इस मौसम में सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर का शिकार हो जाते हैं जिससे उन्हें डिप्रेशन होने लगता है. वह अकेलेपन और एंग्जाइटी का शिकार हो जाते हैं. जब उदासी उन्हें घेर लेती है तो उन्हें रात में सोने में भी दिक्कत होती है. लेकिन जब सर्दी खत्म हो जाती है तो यह डिसऑर्डर भी ठीक हो जाता है.
ऐसे आएगी अच्छी नींद
अच्छी नींद के लिए धूप में बैठना बेहद जरूरी है. धूप में बैठने से बॉडी की सर्केडियन रिदम अच्छे से काम करती है. जितना हो सके दिनभर नेचुरल लाइट में रहने की कोशिश करें. अगर बाहर नहीं जा सकते तो घर में उस खिड़की के पास बैठ जाएं जहां रोशनी आती हो. सर्दियों में भी गर्मी के मौसम की तरह लगातार वॉक या एक्सरसाइज करनी चाहिए ताकि फिजिकल एक्टिविटी बढ़े. साथ ही मेडिटेशन या अपनी पसंद की हॉबी करें. इससे तनाव और एंग्जायटी दूर होती है. कमरे के तापमान को 15 से 20 डिग्री सेल्सियस तक रखें और रूम हीटर को बंद रखें ताकि कमरे में नमी बरकरार रहे और सांस लेने में दिक्कत ना हो.
सोने से पहले कैमोमाइल चाय पीएं (Image-Canva)
ठंडे पानी से ना नहाएं
कुछ लोग सर्दी-गर्मी के मौसम में ठंडे पानी से नहाना पसंद करते हैं. सर्दी में ऐसा नहीं करना चाहिए. हमेशा गुनगुने पानी से नहाना चाहिए. दरअसल ठंडे पानी से नहाने से शरीर का तापमान कम हो जाता है और इस वजह से नींद का पैटर्न प्रभावित हो सकता है. वहीं ठंडे पानी से नहाने से बॉडी के जॉइंट्स जकड़ जाते हैं जिससे व्यक्ति चल नहीं पाता और रात को सो भी नहीं पाता.
डाइट पर करें गौर
अच्छी नींद के लिए अपनी डाइट को बदलना बेहद जरूरी है. सर्दी में अक्सर लोग चाय-कॉफी ज्यादा पीने लगते हैं जबकि इससे शरीर में कैफीन की मात्रा बढ़ जाती है जिससे व्यक्ति अनिद्रा का शिकार हो जाता है. दोपहर के बाद हल्का खाना खाएं. शाम को नट्स या केला खाएं, इससे नींद अच्छी आती है. हेल्थलाइन में छपी रिसर्च के अनुसार मीठा खाने से अनिद्रा की समस्या बढ़ती है. सोने से पहले मीठा खाना ठीक नहीं है. इसके अलावा तला-भूना मसालेदार खाना और जंक फूड से परहेज करना चाहिए.
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Delhi,Delhi,Delhi
First Published :
January 22, 2025, 12:13 IST