नेशनल और इंटरनेशनल खिलाड़ियाें का गढ़ है यह गांव, दर्जनों की लग चुकी है नौकरी

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Agency:News18 Rajasthan

Last Updated:January 22, 2025, 14:09 IST

Rajasthan Sports Village Karmisar: राजस्थान के बीकानेर में एक बेहद खास गांव करमीसर है, जिसे खिलाड़ियों वाला गांव कहा जाता है. इस गांव ने देश को कई खिलाड़ी दिया है. इस गांव से सबसे अधिक साइक्लिस्ट निकलते हैं. 6 हज...और पढ़ें

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बीकानेर

बीकानेर से सटा करमीसर गांव 

बीकानेर. पश्चिमी राजस्थान में पाकिस्तान से सटा बीकानेर जिले का एक खास गांव है, जहां से हर साल नेशनल और इंटरनेशनल खिलाड़ी तैयार होते है. इस वजह से इस गांव को खिलाड़ियों वाला गांव भी कहते है. हम बात कर रहे है बीकानेर से सटा करमीसर गांव की. करीब 6 हजार की आबादी वाले इस गांव से अब तक 150 से अधिक खिलाड़ी तैयार हो चुके है. साथ ही कई खिलाड़ी तैयार हो रहे है. इस गांव के खिलाड़ियों की खासियत है कि इंटरनेशनल लेवल से कम खेलते ही नहीं है.

अब तक इस गांव के करीब 50 खिलाड़ी तो खेल कोटे से सरकारी विभागों में नौकरी कर रहे है तथा कई खिलाड़ी प्रोफेशनल स्तर पर नए खिलाड़ियों को कोचिंग दे रहे है. हालांकि इस गांव से सबसे ज्यादा साइक्लिस्ट खिलाड़ी निकलते है. इसके अलावा क्रिकेट, तीरंदाजी, वॉलीबॉल सहित कई खेलों में भी खिलाड़ी नेशनल और इंटरनेशनल स्तर तक खेल चुके है.

पुराने को देखकर नए खिलाड़ी हो रहे मोटिवेट

करमीसर गांव निवासी हरीश कुमार गाट ने लोकल 18 को बताया कि इस गांव से कई खिलाड़ी तैयार हो चुके हैं और कई नए खिलाड़ी अभी भी तैयारी कर रहे हैं. रोजाना सुबह और शाम को 70 से 80 खिलाड़ी अभ्यास कर रहे हैं. इस गांव में करीब 800 से एक हजार घर है. इनमें 40 प्रतिशत तो इस गांव में युवा की आबादी है. इस गांव में शुरू से खेल के प्रति माहौल बना हुआ है. पुराने खिलाड़ियों को देखकर नए खिलाड़ी मोटिवेट होकर तैयार होते है. इस गांव के युवा पूरी तरह से खेल के प्रति समर्पित है और रोजाना 10 से 12 घंटे खेल का अभ्यास करते है. उन्होंने बताया कि करमीसर गांव बीकानेर के स्थापना के समय से ही बसा हुआ है.

इसी गांव के रहने वाले हैं साइक्लिस्ट गणेश सुथार

इस गांव के ज्यादातर लोग खेतीबाड़ी, गाड़ी चलाना और मजदूरी का काम करते हैं. इसके अलावा पशुपालन का काम करते हैं. इस गांव में पहले किसी जगह से दो तीन भाई आए थे और एक भाई के संतान नहीं थी. उनका नाम करमाराम था. फिर दूसरे भाई अपने भाई के नाम से करमीसर गांव का नाम रखा था. उन्होंने बताया कि इस गांव से अब तक सात खिलाड़ियों को महाराणा प्रताप पुरस्कार मिल चुका है. 10 से ज्यादा इंटरनेशनल और 50 से ज्यादा नेशनल लेवल के साइक्लिस्ट हैं. स्पोर्ट्स कोटे से 15 साइक्लिस्ट रेलवे, 4 राजस्थान पुलिस, 5 इंडियन आर्मी में कार्यरत हैं. राजस्थान का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन करने वाले पहले साइक्लिस्ट गणेश सुथार इसी गांव के हैं, जिन्होंने एशियन गेम्स 1982 में भारत का प्रतिनिधित्व किया था.

Location :

Bikaner,Rajasthan

First Published :

January 22, 2025, 14:09 IST

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नेशनल और इंटरनेशनल खिलाड़ियाें का गढ़ है यह गांव, दर्जनों की लग चुकी है नौकरी

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