Last Updated:January 31, 2025, 12:04 IST
अगर आप उत्तराखंड के रहने वाले हैं और आपकी शादी 2010 के बाद हुई है तो ये खबर आपके लिए बहुत जरुरी है. समान नागरिक संहिता के नियमों के मुताबिक़, अब शादी का पंजीकरण करवाना अनिवार्य कर दिया गया है.
शादी तो सात जन्मों का रिश्ता होता है. अग्नि के सामने सात फेरे लेकर लोग सात जन्मों का रिश्ता जोड़ लेते हैं. कई लोग पारंपरिक तरीके से शादी कर लेते हैं लेकिन उसे कोर्ट में रजिस्टर नहीं करवाते. उनके मुताबिक़, भगवान के सामने उन्होंने शादी पर मुहर लगवा दी है तो अब कोर्ट-कचहरी के चक्कर क्या लगाना? अगर आप भी ऐसी ही सोच रखते हैं तो ये आपके लिए खतरे की घंटी हो सकती है.
उत्तराखंड में 27 जनवरी से समान नागरिक संहिता लागू की गई है. इसमें एक नियम शादीशुदा लोगों के लिए भी बनाया गया है. 2010 के बाद से जिन कपल्स की शादी हुई है उनका अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है. इसके लिए लोगों को रजिस्ट्रार ऑफिस नहीं जाना है. बल्कि नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर जाकर शादी को पंजीकृत करवाना है. शादी के रजिस्ट्रेशन का जिम्मा शहर क्षेत्र में नगर आयुक्त और ग्रामीण इलाकों में बीडीओ को सौंपा गया है.
ये है नए नियम
इस नए नियम के मुताबिक़, जिनकी शादी 2010 के बाद हुई है, उन्हें अब से छह महीने के अंदर अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन करवाना है. इसके अलावा इस नियम के लागू होने के बाद जिनकी शादी हुई है, उन्हें शादी की डेट से दो महीने के अंदर रजिस्ट्रेशन करवाना है. कपल अपनी शादी के कार्ड और फोटोज़ को बतौर दस्तावेज पेश कर सकते हैं. ऐसा ना करने पर कपल के खिलाफ कानूनी कार्यवाई की जा सकती है जिसमें सजा के अलावा जुर्माने का भी प्रावधान बताया गया है.
कैसे करवाएं रजिस्ट्रेशन?
अगर आप कंफ्यूजन में हैं कि शादी का रजिस्ट्रेशन कैसे करवाएं तो आपको बता दें कि अगर आपकी शादी 27 जनवरी 2025 के बाद हुई है तो आप वर-वधु पक्ष के शादी के कार्ड को अपलोड कर सकते हैं. इसे बतौर दस्तावेज वैलिड माना जाएगा. लेकि अगर इससे पहले आपकी शादी हुई है और आपके पास कार्ड नहीं है तो ये ऑप्शन वैकल्पिक है. आप सरकारी वेबसाइट https//ucc.uk.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं और उसमें दिए गए दस्तावजों की लिस्ट और गवाह के बयान अपलोड कर सकते हैं.
First Published :
January 31, 2025, 12:04 IST
क्या 2010 के बाद हुई है आपकी शादी? फटाफट निपटा लें ये काम, नहीं तो पड़ेगा भारी