Agency:News18 Madhya Pradesh
Last Updated:February 05, 2025, 11:30 IST
Sagar News: बसंत पंचमी पर सागर के सरस्वती मंदिर में माता-पिता ने अपने बच्चों को ज्ञानवान बनाने के लिए वेद आरंभ और अक्षर लेखन संस्कार करवाए. इस प्रक्रिया में पुजारी बच्चों को मंत्रों से अभिमंत्रित करते हैं .
अक्षर लेखन
हाइलाइट्स
- बसंत पंचमी पर सागर में अक्षर लेखन संस्कार हुआ।
- बच्चों के लिए वेद आरंभ और अक्षर लेखन संस्कार कराए गए।
- 3 से 12 साल के बच्चों के लिए संस्कार महत्वपूर्ण हैं।
सागर. मां वीणा वादिनी सरस्वती का जन्मोत्सव बसंत पंचमी के दिन मनाया जाता है. इस अवसर पर विभिन्न स्थानों पर सरस्वती माता के मंदिरों में पूजन होता है. सागर के इतवारा बाजार में स्थित प्रसिद्ध उत्तर मुखी सरस्वती मां के मंदिर में सुबह से ही हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे और यह सिलसिला रात 12 बजे तक चलता रह. दिन में सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त से पहले तक सैकड़ों माता-पिता अपने बच्चों के अन्नप्राशन, अक्षर लेखन और वेद आरंभ संस्कार करवाते नजर आए. इन संस्कारों से बच्चों की स्मरण शक्ति, वर्ण शक्ति और कर्ण शक्ति में वृद्धि होती है.
मुख्य संस्कार 3 साल से लेकर 12 साल तक के बच्चों का अन्नप्राशन होता है, जिसमें माता-पिता अपने बच्चों को अभिमंत्रित शहद चटाते हैं. वेद आरंभ में पुजारी स्लेट और पेंसिल पर मंत्र लिखते हैं और फिर बच्चों को संख्या लिखने के लिए देते हैं. कॉपी और पेन को पहले मां सरस्वती के चरणों में समर्पित किया जाता है, फिर पुजारी मंत्र लिखकर बच्चों को सौंपते हैं. वर्ण विन्यास में अनार की लकड़ी से बच्चे की जीभ पर ओम की आकृति बनाई जाती है. मानव जीवन में जन्म से मृत्यु तक 16 संस्कार होते हैं, जिनमें से अंत्येष्टि और विवाह को छोड़कर 14 संस्कार बसंत पंचमी पर इस मंदिर में कराए जाते हैं. इससे माता सरस्वती की कृपा प्राप्त होती है और समाज में पद प्रतिष्ठा का आशीर्वाद मिलता है.
मंदिर में कराए गए 14 संस्कार मंदिर के पुजारी यशो वर्धन चौबे ने बताया कि उत्तर दिशा में ज्ञान की देवी सरस्वती मां का आज जन्मदिवस है और यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है. मां ने स्वर और अनुस्वार की कला को त्रास्टूप छ्न्द में समाहित किया है. 14 संस्कारों में शिशु के जन्म से लेकर बाल अवस्था तक के संस्कार होते हैं. 3 वर्ष से लेकर 12 वर्ष तक के बच्चों के लिए ये संस्कार महत्वपूर्ण हैं. आज मंदिर प्रांगण में अक्षर आरंभ, वेद आरंभ और अन्य संस्कार कराए गए.
अगला मौका नवरात्रि में जो माता-पिता बसंत पंचमी को अपने बच्चों के संस्कार नहीं करवा पाए हैं, वे नवदुर्गा में आने वाली पंचमी और सप्तमी तिथि को सरस्वती मां का आवाहन कर इन संस्कारों को करवा सकते हैं. सरस्वती मां का हर गुरुवार को पूजन किया जाता है.
Location :
Sagar,Madhya Pradesh
First Published :
February 05, 2025, 11:30 IST
क्या होता है अक्षर लेखन संस्कार? बसंत पंचमी पर माता-पिता ने बच्चों के लिए कराए