बागपतः लहचौड़ा गांव के ग्रामीणों ने गांव की सुख समृद्धि के लिए गांव के बाहरी छोर पर गणेश मंदिर का 30 वर्ष पूर्व निर्माण कराया था. निर्माण के बाद से गांव में सुख-समृद्धि का माहौल हो गया और लोगों में प्रेम भाव बढ़ने लगा. यहां पूजा अर्चना करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की मनोकामनाएं पूर्ण होने लगी. इस मंदिर की मान्यता इतनी बढ़ी की लोग दूर-दराज से यहां आकर पूजा पाठ करने लगे. मंदिर पहुंचने वालों को सुख समृद्धि और सुकून का एहसास होता है. यह मंदिर काफी आकर्षक ढंग से तैयार कराया गया है और इसमें सभी देवी-देवताओं की मूर्ति स्थापित हैं.
दूसरे राज्यों से भी आते हैं लोग
देवों के देव महादेव के पुत्र श्री गणेश की पूजा-अर्चना सभी कार्यों में सबसे पहले की जाती है. जिस भी कार्य में गणेश जी की पूजा अर्चना होती है, वे सभी कार्य पूर्ण होते हैं. बागपत में ग्रामीणों ने गांव में फैली अशांति को सुख समृद्धि में बदलने के लिए गांव के बाहर गणेश मंदिर का निर्माण कराया. 30 वर्ष पूर्व ग्रामीणों ने इस मंदिर को बनवाया और इस मंदिर को आकर्षक ढंग से सजाया. इस मंदिर में हरियाणा, पंजाब, राजस्थान व अन्य स्थानों से लोग पहुंचकर पूजा अर्चना करते हैं.
सुख शांति और समृद्धि
ग्रामीणों का कहना है कि जब से इस मंदिर का निर्माण हुआ है तब से गांव में सुख शांति और समृद्धि का माहौल है. स्थानीय निवासी रामचंद्र ने बताया कि जब से मंदिर का निर्माण हुआ है, वे यहां पूजा अर्चना के लिए आते हैं और यहां पूजा अर्चना करने से हर व्यक्ति की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इस मंदिर में घुसते ही सभी तनाव दूर हो जाते हैं और लोगों को सुख शांति का एहसास होता है. इस मंदिर की विशेष मान्यता है और यहां लोग काफी दूर-दूर से आते हैं.
पूरी होती हैं सभी मुराद
गणेश मंदिर के मुख्य पुजारी ब्रह्मसिंह ने बताया कि यहां भगवान की पूजा अर्चना करने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. हर भक्त की यहां मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. यह जनपद का पहला गणेश मंदिर है. मंदिर में पूजा करने वाले लोगों का मानसिक तनाव कम होता है. उन्हें सुख समृद्धि का एहसास होता है और यहां पूजा करने वाले हर भक्त की मुराद गणेश भगवान जरूर पूरी करते हैं.
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FIRST PUBLISHED :
November 21, 2024, 07:55 IST