Last Updated:January 31, 2025, 11:35 IST
india bangladesh news: बांग्लादेश बॉर्डर पर घुसपैठ को रोकने के लिए बीएसएफ ने बॉर्डर एरिया पर कुछ फसलों पर रोक लगाने की मांग की है. इसके लिए बीएसएफ ने ममता सरकार के मुख्य सचिव समेत सभी जिलों के मजिस्ट्रेटों को प...और पढ़ें
हाइलाइट्स
- बीएसएफ ने बॉर्डर पर ऊंची फसलों पर रोक की मांग की.
- गन्ना, जूट, सरसों और केले की फसलें घुसपैठियों के लिए छिपने का स्थान.
- बीएसएफ ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर वैकल्पिक फसलों की खेती की अपील की.
कोलकाता: बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्ता पलट के बाद से सुरक्षाबलों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है. बांग्लादेश की युनूस सरकार आने के बाद से जिस तरह से वहां पर हिंदुओं की हालात हैं उसको लेकर भारत सरकार भी कई बार चिंता व्यक्त कर चुकी है. वहीं सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और सभी जिला मजिस्ट्रेटों को पत्र लिखकर कृषि विभाग और किसानों से संपर्क करने को कहा है. बीएसएफ की मांग है कि बॉर्डर एरिया पर कुछ फसलों पर रोक लगाई जा सके.
बताया जा रहा है कि बीएसएफ ने भारत-बांग्लादेश सीमा के पास गन्ना, जूट, सरसों और केले जैसी ऊंची फसलों की खेती को रोका लगाए जाने की मांग की है. बीएसएफ का कहना है कि बॉर्डर एरिया में घुसपैठिए इन फसलों का उपयोग छिपने के तौर पर करते हैं. बीएसएफ साउथ बंगाल फ्रंटियर द्वारा आयोजित एक समारोह के दौरान एक वरिष्ठ बीएसएफ अधिकारी ने राज्य सरकार को हाल ही में भेजे गए पत्र के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि ऊंची फसलें दृश्यता को बाधित करती हैं और सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बनती हैं क्योंकि ये तस्करों और घुसपैठियों के लिए छिपने का आदर्श स्थान प्रदान करती हैं.
नो मैन्स लैंड पर खेती
बीएसएफ का कहना है कि अपराधी इन फसलों का उपयोग छिपने के साथ हमारे जवानों पर हमला करने के लिए भी करते हैं. इसलिए हम राज्य से अपील कर रहे हैं कि वे किसानों से सीमा के पास वैकल्पिक फसलों की खेती करने के लिए कहें. अधिकारी ने बताया कि सीमा बाड़ के बाहर कृषि भूमि के टुकड़े मौजूद हैं, जिनमें अवरोध शून्य रेखा से 150 मीटर की दूरी पर स्थित हैं.
हालांकि बीएसएफ सीमा बुनियादी ढांचे के लिए भूमि अधिग्रहण के बाद नो मैन्स लैंड में खेती की अनुमति देता है. किसानों को इन क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए पहचान सत्यापन के बाद निर्दिष्ट समय पर निर्दिष्ट गेटों के माध्यम से जाना पड़ता है. इन क्षेत्रों में ऊंची वनस्पति सुरक्षा जोखिम पैदा करती है.
पौधों की ऊंचाई 2 फीट से ज्यादा न हो
उन्होंने कहा कि बीएसएफ के नियमों के अनुसार, सुरक्षा कारणों से पौधों की ऊंचाई दो फीट तक सीमित होनी चाहिए, लेकिन बंगाल-बांग्लादेश सीमा के साथ किसान अक्सर अपनी फसल को अधिक ऊंचा होने देते हैं, अधिकारी ने कहा कि उन्होंने यह भी बताया कि बटालियन कमांडरों को स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर इन दिशानिर्देशों को लागू करने के निर्देश दिए गए हैं.
खासकर बांग्लादेश में बदलती राजनीतिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए. अधिकारियों ने कहा कि सीमा निवासियों का विश्वास जीतने और उन्हें तस्करी और घुसपैठ के खतरों से अवगत कराने के प्रयास भी किए जा रहे हैं.
Location :
Kolkata,West Bengal
First Published :
January 31, 2025, 11:35 IST