Agency:News18 Uttar Pradesh
Last Updated:February 11, 2025, 13:58 IST
Wheat Farming Tips : गेहूं की अगेती फसल में फरवरी के महीने में बालियां निकलने लगती है. इस समय फसल पर खास ध्यान देने की जरूरत होती है. बाली निकलने के दौरान अगर फास्फोरस, पोटाश और बोरॉन का छिड़काव कर लिया जाए तो ...और पढ़ें
गेहूं
हाइलाइट्स
- फरवरी में गेहूं की फसल पर खास ध्यान दें.
- फास्फोरस, पोटाश और बोरॉन का छिड़काव करें.
- एनपीके 00:52:34 और बोरॉन का मिश्रण उपयोग करें.
शाहजहांपुर : जिन किसानों ने गेहूं की फसल की अगेती बुवाई की थी. उन किसानों की गेहूं की फसल में अब बाली निकालने की अवस्था में आ गई है. गौरतलब है कि गेहूं की अगेती किस्म की बुवाई के लिए नवंबर का पहला सप्ताह से लेकर 20 से 25 नवंबर तक बेहद ही उपयुक्त समय माना जाता है. इस समय की गई गेहूं की बुवाई में किसानों को कम लागत में अच्छा उत्पादन मिल जाता है. ऐसे में फरवरी के महीने में गेहूं की फसल की खास तरह की देखभाल करने की जरूरत है. क्योंकि बाली बनने की एक अहम प्रक्रिया होती है. इस दौरान अगर गेहूं की फसल की अच्छी तरह से देखभाल कर ली जाए तो गेहूं की फसल से अच्छा उत्पादन लिया जा सकता है.
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि गेहूं की फसल की गुणवत्ता और उत्पादन को अगर आप बढ़ाना चाहते हैं तो बाली निकलने की अवस्था में सही समय पर सही मात्रा में पोषक तत्वों की पूर्ति करना बेहद जरूरी है. बाली निकलने के दौरान अगर फास्फोरस, पोटाश और बोरॉन का छिड़काव कर लिया जाए तो गेहूं की फसल के उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है. इसके अलावा गुणवत्ता को भी बेहतर किया जा सकता है.
फास्फोरस और पोटाश से बालियां होंगी मजबूत
फास्फोरस, पोटाश और बोरॉन जैसे पोषक तत्व गेहूं की फसल के विकास के लिए अच्छे माने जाते हैं. फास्फोरस और पोटाश गेहूं की फसल के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्व हैं. पोषक तत्व पौधों में ऊर्जा का संचार करते हैं. इसके अलावा फल और फूलों के विकास को तेज करते हैं. इतना ही नहीं यह पौधे की जड़ों को भी मजबूती देते हैं. वहीं पोटाश पौधों के अंदर पानी के संतुलन को बनाए रखता है और उनकी कोशिकाओं को मजबूती देता है. जिससे गेहूं के पौधों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.
बोरॉन का कैसे करें छिड़काव?
गेहूं में बाली आने की अवस्था में बोरॉन का भी अहम रोल रहता है. बोरॉन का छिड़काव करने से परागण की प्रक्रिया बेहतर होती है. फल और फूल अच्छी तरह से विकसित होते हैं. इस अ हम पोषक तत्व का छिड़काव हर किसान को अपनी गेहूं की फसल में करना चाहिए. किसान 100 ग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से बोरॉन को पानी में घोल बनाकर छिड़काव कर सकते हैं.
इस कॉम्बिनेशन में करें छिड़काव
फास्फोरस और पोटाश की पूर्ति के लिए किसान एनपीके 00: 52:34 का छिड़काव कर सकते हैं. 1 किलो एनपीके 00:52:34 को प्रति एक एकड़ में इस्तेमाल किया जा सकता है. किसान एक किलो जल विलय एनपीके 00:52:34 को 150 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव कर सकते हैं. इसके अलावा इसमें 100 ग्राम प्रति एकड़ बोरॉन को भी मिलाकर फसल में छिड़क सकते हैं. ऐसा करने से गेहूं की फसल में बालियां मजबूती के साथ निकलेगी. दानों में चमक बढ़ेगी और वजन भी ज्यादा होगा.
Location :
Shahjahanpur,Uttar Pradesh
First Published :
February 11, 2025, 13:58 IST
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