Agency:News18 Madhya Pradesh
Last Updated:February 08, 2025, 09:36 IST
Wheat Farming Tips: रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूं को गर्म हवाएं बिगाड़ देती हैं. गर्म हवा लगने से गेहूं के दाने पतले और कमजोर हो जाते हैं. लेकिन, इसका रास्ता एक्सपर्ट ने निकाल लिया है. इस विधि से खेती करने पर किसा...और पढ़ें
गरम हवा का गेहूं की फसल में पड़ सकता है प्रकोप
हाइलाइट्स
- सुपर सीडर तकनीक से गेहूं की फसल 20 दिन पहले तैयार होगी
- गर्म हवाओं से बचाने के लिए सुपर सीडर तकनीक अपनाएं।
- सतना और मैहर में गेहूं की बेहतर पैदावार की उम्मीद
सतना: मध्य प्रदेश के सतना और मैहर में ठंड की वापसी ने किसानों के चेहरे पर मुस्कान ला दी है. विशेषज्ञों के अनुसार, इस साल पिछले साल की तुलना में गेहूं की बेहतर पैदावार होने के संकेत हैं. वर्तमान में सतना और मैहर में लगभग 3,12,000 हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की फसल उगाई जा रही है, जो कृषि विभाग के इस साल के लक्ष्य से 2000 हेक्टर ज्यादा है. लेकिन, सवाल यह है कि क्या सिर्फ एक विधि बदलने से गेहूं की फसल को गर्म हवा के प्रकोप से बचाया जा सकता है?
सुपर सीडर तकनीक का क्या है फायदा
कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि धान की कटाई के बाद किसान अगर सुपर सीडर का उपयोग करके गेहूं की बुवाई करें, तो उनकी फसल 15 से 20 दिन पहले तैयार हो सकती है. इससे अप्रैल में आने वाली गर्म हवाओं के प्रभाव से फसल को काफी हद तक बचाया जा सकता है. इस तकनीक से किसानों को अधिक उत्पादन के साथ-साथ बेहतर गुणवत्ता वाली फसल भी प्राप्त हो सकती है.
क्या ठंड की कमी फसल को प्रभावित करेगी?
लोकल 18 से बात करते हुए सहायक संचालक कृषि राम सिंह बागरी ने बताया कि रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूं पर मौसम का प्रभाव सबसे ज्यादा गर्म हवाओं के कारण पड़ता है. गर्म हवाओं से गेहूं के पतले और कमजोर होने की संभावना रहती है, जिससे पैदावार प्रभावित हो सकती है. हालांकि, यह गर्म हवाएं मार्च के अंतिम सप्ताह या अप्रैल में शुरू होती हैं, इसलिए अगर फसल जल्दी तैयार हो जाए तो नुकसान के चांसेस नहीं होते हैं.
किसानों को क्या करना चाहिए?
कृषि विभाग के विशेषज्ञ किसानों को सुपर सीडर तकनीक अपनाने की सलाह दे रहे हैं, ताकि फसल जल्दी तैयार हो और गर्म हवाओं के प्रभाव से बच सके. इसके अलावा समय-समय पर सिंचाई और उर्वरकों का संतुलित उपयोग भी फसल की सेहत के लिए जरूरी है.
तो बंपर होगी गेहूं की पैदावार
अगर ठंड का असर बना रहा और किसान नई तकनीकों का सही इस्तेमाल करें, तो इस साल सतना और मैहर में गेहूं की बेहतर पैदावार की उम्मीद की जा सकती है. किसानों को जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए आधुनिक खेती की ओर बढ़ना होगा, ताकि वे मौसम के उतार-चढ़ाव से अपनी फसल को सुरक्षित रख सकें.
Location :
Satna,Madhya Pradesh
First Published :
February 08, 2025, 09:36 IST
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