गेहूं के पत्तों पर है पीला धब्बा तो हो जाइए सावधान, वरना बर्बाद हो जाएगी फसल

2 hours ago 2

Agency:News18 Bihar

Last Updated:February 08, 2025, 12:45 IST

Wheat Crop Disease: पौधा संरक्षण विशेषज्ञ ने बताया कि पीला रतुआ के लिए 10-20 डिग्री सेल्सियस तापमान उपयुक्त है. लेकिन 25 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान होने पर इसका फैलाव नहीं होता है. भूरा रतुआ के लिए 15 से 25...और पढ़ें

X

गेहूं

गेहूं में दिखे यह लक्षण तो हो जाएं सावधान

हाइलाइट्स

  • गेहूं की फसल पर पीला रतुआ रोग का खतरा बढ़ा
  • 10-20 डिग्री सेल्सियस तापमान में फैलता है पीला रतुआ
  • फसल बचाने के लिए डाइथेन एम-45 का करें छिड़काव

जमुई. इन दिनों मौसम में लगातार बदलाव हो रहा है. दिन में तापमान बढ़ रहा है, जबकि रात में ठंड अभी भी परेशान कर रही है. अगर आपके यहां दिन का तापमान 25 डिग्री सेल्सियस से ऊपर नहीं जा रहा है, तो यह आपके गेहूं की फसल के लिए खतरा हो सकता है. 25 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान गेहूं की फसल में एक गंभीर बीमारी को आकर्षित कर सकता है, जिससे पूरी फसल नष्ट हो सकती है. अगर आपके यहां भी ऐसा मौसम है, तो आपको अपनी फसल को बचाने के लिए तुरंत तैयारी शुरू कर देनी चाहिए. पौधा संरक्षण विभाग के विशेषज्ञ डॉ. मुकुल कुमार बताते हैं कि इस मौसम में गेहूं की फसल पर पीला रतुआ रोग का खतरा सबसे ज्यादा होता है.

तापमान बढ़ने पर रुक जाता है इसका फैलाव
पौधा संरक्षण विशेषज्ञ ने बताया कि पीला रतुआ के लिए 10-20 डिग्री सेल्सियस तापमान उपयुक्त है. लेकिन 25 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान होने पर इसका फैलाव नहीं होता है. भूरा रतुआ के लिए 15-25 डिग्री सेल्सियस तापमान और नमी युक्त जलवायु आवश्यक है, जबकि काला रतुआ के लिए 20 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तापमान चाहिए.

बीमारी दूर भगाने के लिए डाइथेन एम-45 का करें छिड़काव 
उन्होंने कहा कि अगर जलवायु में नमी न हो, तब भी इस रोग का फैलाव हो सकता है. उन्होंने किसानों को सलाह दी कि वे अपनी फसल की निगरानी करते रहें. अगर आपके खेतों में इस रोग का लक्षण दिखाई दे, तो फसल में डाइथेन एम-45 का छिड़काव करें. इसके लिए 2.5 ग्राम दवा को एक लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.

कैसे पहचानें इसके लक्षण
पौधा संरक्षण विशेषज्ञ डॉ. मुकुल कुमार ने बताया कि रतुआ रोग के लक्षण में फसल के पत्तों पर छोटे-छोटे धब्बे दिखाई देते हैं. ये धब्बे शुरुआत में पीले और भूरे रंग के होते हैं. धीरे-धीरे प्रभावित क्षेत्र का आकार बढ़ जाता है. पत्तों पर सूखापन, झुर्रियाँ और कमजोर विकास के संकेत देखने को मिलते हैं. यदि समय पर उपचार न किया जाए, तो फसल की गुणवत्ता में गिरावट आ सकती है. अगर आपकी फसल में भी ऐसे लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत उपचार करें, अन्यथा पूरी फसल नष्ट हो सकती है.

Location :

Jamui,Jamui,Bihar

First Published :

February 08, 2025, 12:45 IST

homeagriculture

गेहूं के पत्तों पर है पीला धब्बा तो हो जाइए सावधान, वरना बर्बाद हो जाएगी फसल

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article