गेहूं, चना, मसूर की फसलों को बचाने के लिए अपनाएं ये देसी उपाय

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Agency:News18 Madhya Pradesh

Last Updated:January 23, 2025, 14:46 IST

Agriculture Tips: सागर में बढ़ते तापमान से गेहूं, चना और मसूर की फसलें संकट में हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि इस मौसम में तापमान बढ़ने से फसलें प्रभावित हो सकती हैं. इस समस्या से बचने के लिए किसान देसी उपायों क...और पढ़ें

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गेहूं

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सागर. जनवरी का महीना आमतौर पर कड़ाके की सर्दी के लिए जाना जाता है, लेकिन इस बार मौसम के उतार-चढ़ाव ने किसानों की चिंताएं बढ़ा दी हैं. पिछले हफ्ते सर्द हवाओं के चलते कृषि अधिकारियों ने पाला पड़ने की संभावना जताई थी, लेकिन अब बढ़ते तापमान से रबी फसलों की ग्रोथ, पैदावार और रोग की आशंका बढ़ गई है. बुंदेलखंड का सागर पिछले दो दिनों से प्रदेश के सबसे गर्म शहरों में शामिल है.

इस समय गेहूं, चना, अलसी और मटर की फसलों के बढ़ने के लिए 6-7 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान की आवश्यकता है, लेकिन क्षेत्र में न्यूनतम तापमान 15 डिग्री बना हुआ है, जो कि जरूरत से दोगुना है. अगर अगले 8 दिनों में मौसम ऐसा ही रहा तो सरसों-मसूर में माहू का प्रकोप, चना-मटर में इल्ली, सफेद फफूंद रोग और गेहूं की ग्रोथ व पैदावार प्रभावित हो सकती है. सागर जिले में इस बार 2.50 लाख हेक्टेयर में फसल का रकबा है, जिससे 4 लाख से अधिक किसानों की चिंता बढ़ गई है.

तापमान बढ़ने से सरसों की फसल में माहू कीट लगने की आशंका है, जो सरसों के पौधों पर चिपककर उनकी बढ़त रोक सकते हैं. वहीं गेहूं को ठंडे वातावरण की जरूरत होती है. अगेती फसल में बालियां आने लगी हैं और दाना भर रहा है, ऐसे में ठंड की जरूरत है. तापमान अधिक होने से पौधों की ग्रोथ रुक सकती है. युवा प्रगतिशील किसान आकाश चौरसिया ने भी बदलते मौसम पर चिंता जाहिर की है और फसलों को बचाने के लिए कुछ जानकारी भी किसानों के साथ साझा की है, जिनको फॉलो कर फसलों को पोषण दिया जा सकता है, जिससे बदलते मौसम को फसलें सहन कर पाएंगी और उत्पादन ठीक रहेगा.

फसल पर मौसम की मार
मौसम के अचानक बदलाव से फसलों पर बहुत बुरा असर पड़ता है. गेहूं में बालियां आने की स्थिति है, अगर ठंड नहीं होती है, तो उसमें ठीक से दाना नहीं पड़ता है. चना, अलसी, मसूर की फसल में दाना बनने से पहले पौधे उखड़ जाते हैं, पौधा मुरझाकर पीला होकर सूख जाता है. मौसम के बदलाव से किसानों को बहुत नुकसान होता है. इसके लिए हम देसी उपाय कर सकते हैं. हमारी देसी गाय की 2 लीटर छांछ लेकर लगभग ढाई सौ ग्राम गुड़ मिलाएं और इसे 13 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें. इससे पौधों में एक पावर डेवलप होता है और भारी नुकसान से बचा जा सकता है.

Location :

Sagar,Madhya Pradesh

First Published :

January 23, 2025, 14:45 IST

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गेहूं, चना, मसूर की फसलों को बचाने के लिए अपनाएं ये देसी उपाय

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