चीन-पाक सावधान... भारत के पास आ रहा है प्रीडेटर ड्रोन, क्या है इसकी खासियत?

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नई दिल्ली: भारत रक्षा क्षेत्र में चारों तरफ से आगे बढ़ रहा है. दुश्मनों की आंखों में आंखे डाल कर अब बात कर रहा है. चीन से लेकर पाकिस्तान की तमाम साजिशों को नाकाम कर रहा है. इसी कड़ी में भारत ने एक बड़ा कदम उठाया है. सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने बुधवार को अमेरिका के साथ 80,000 करोड़ रुपये के बड़े सौदों को मंजूरी दे दी है. इस डील के तहत भारत 31 प्रीडेटर ड्रोन खरीदकर अपने रक्षा बलों की निगरानी क्षमताओं को बढ़ाएगा और दो परमाणु ऊर्जा चालित पारंपरिक हमलावर पनडुब्बियों (SSN) के साथ अपने नौसैनिक शस्त्रागार को मजबूत करेगा. खास बात यह है कि इन पनडुब्बियों का निर्माण स्वदेश में किया जाएगा. आइए इस खबर में जानते हैं 31 प्रीडेटर ड्रोन के बारे में सबकुछ.

यह डील काफी समय से लटका हुआ था और भारतीय नौसेना इस पर जोर दे रही थी. क्योंकि यह पानी के भीतर क्षमता की कमी को पूरा करने के लिए एक महत्वपूर्ण आवश्यकता थी. सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति द्वारा मंजूर किया गया दूसरा बड़ा सौदा, दोनों सरकारों के बीच विदेशी सैन्य बिक्री अनुबंध के तहत अमेरिकन जनरल एटॉमिक्स से 31 प्रीडेटर ड्रोन की खरीद के लिए है. सूत्रों ने बताया कि भारत द्वारा खरीदे गए 31 एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन में भारतीय नौसेना के लिए 15 यूनिट और भारतीय सेना और वायु सेना के लिए 8-8 यूनिट शामिल हैं.

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क्या है प्रीडेटर ड्रोन?
प्रीडेटर ड्रोन एक सशस्त्र, बहु-मिशन, मध्यम ऊंचाई वाला, दीर्घ-स्थायी रिमोट संचालित ड्रोन है. इसका उपयोग मुख्य रूप से खुफिया जानकारी एकत्र करने के लिए तथा जमीनी सैनिकों और बेस रक्षा को सहायता देने के लिए युद्ध सामग्री क्षमता के लिए किया जाता है.

क्या है इसकी खासियत?
इसके महत्वपूर्ण लोइटर समय, वाइड-रेंज सेंसर, मल्टी-मोड संचार सूट और सटीक हथियारों को देखते हुए, यह उच्च-मूल्य, कम समय और समय-संवेदनशील लक्ष्यों के विरुद्ध हमला, समन्वय और टोही (SCAR) करने की एक अनूठी क्षमता प्रदान करता है. प्रीडेटर ड्रोन निम्नलिखित मिशन और कार्य भी कर सकते हैं: खुफिया जानकारी, निगरानी, ​​टोही, नजदीकी हवाई सहायता, लड़ाकू खोज और बचाव, सटीक हमला, बडी-लेस, काफिला/छापे की निगरानी, ​​मार्ग निकासी, लक्ष्य विकास और टर्मिनल हवाई मार्गदर्शन. इसकी क्षमताएं इसे लड़ाकू कमांडर उद्देश्यों के समर्थन में अनियमित युद्ध संचालन करने के लिए विशिष्ट रूप से योग्य बनाती हैं.

प्रीडेटर ड्रोन एक रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम का हिस्सा है. पूरी तरह से संचालित होने वाले सिस्टम में चार सेंसर/हथियार से लैस एयरक्राफ्ट, ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन, प्रीडेटर प्राइमरी सैटेलाइट लिंक और अतिरिक्त उपकरण, साथ ही 24 घंटे के मिशन के लिए संचालन और रखरखाव दल शामिल हैं.

कहीं भी ले जाने में आसान
रिमोट से संचालित विमान प्रणाली को दुनिया भर में संचालन के लिए तैनात किया जा सकता है; इसी तरह, प्रीडेटर को अलग किया जा सकता है और यात्रा के लिए कंटेनर में लोड किया जा सकता है. ग्राउंड कंट्रोल सिस्टम और पीपीएसएल को सी-130 हरक्यूलिस (या उससे बड़े) परिवहन फ्लाइट में ले जाया जा सकता है. प्रीडेटर 5,000 गुणा 75-फुट (1,524 मीटर गुणा 23 मीटर) हार्ड-सरफेस रनवे पर ग्राउंड डेटा टर्मिनल एंटीना के लिए स्पष्ट लाइन-ऑफ-विज़न के साथ काम कर सकता है. एंटीना टेकऑफ़ और लैंडिंग के लिए लाइन-ऑफ़-विज़न कम्यूनिकेशन प्रदान करता है. पीपीएसएल विमान और सेंसर के लिए ओवर-द-हॉरिज़न कम्यूनिकेशन प्रदान करता है.

Tags: India Defence, India US

FIRST PUBLISHED :

October 10, 2024, 06:25 IST

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