खरगोन. स्वस्थ भारत मिशन के तहत आज गांवों में भी घर-घर शौचालय हो गए हैं. लोगों ने खुले में शौच जाना बंद कर दिया है. इस साल सरकार द्वारा विश्व शौचालय दिवस 19 नवंबर से 10 दिसंबर 2024 तक ‘शौचालय हमारा सम्मान’ अभियान भी चलाया जा रहा है. लेकिन, मध्य प्रदेश का एक गांव ऐसा भी जहां लोग आज भी खुले में शौच जाने को मजबूर हैं.
यहां किसी भी परिवार को प्रधानमंत्री शौचालय योजना का लाभ नहीं मिला है. दरअसल, यह हालात खरगोन जिला मुख्यालय से करीब 49 Km दूर जलुद पंचायत क्षेत्र के सोनिया नगर इलाके के हैं. यहां लगभग 300 परिवार निवास करते हैं, जो गरीब तबके से आते हैं. सरकार का स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत अभियान यहां दूर-दूर तक कहीं नजर नहीं आता है.
सरकारी योजनाओं से अछूते ग्रामीण
सुबह के समय एक के बाद एक महिला-पुरुष और बच्चे हाथों में पानी का डिब्बा लेकर शौच के लिए जंगल की ओर जाते हुए दिखाई पड़ते हैं. क्योंकि, लोगों के घरों में शौचालय की व्यवस्था नहीं है और न ही सार्वजनिक सुलभ शौचालय बने हैं. लिहाजा, मजबूरी में लोगों को खुले में जाना पड़ रहा है. अन्य किसी योजना का लाभ भी यहां के लोगों को नहीं मिला है. पक्की सड़क, साफ पानी, आवास जैसी मूलभूत सुविधाओं को भी लोग तरस रहे हैं. पूरे इलाके में गंदगी की भरमार है. स्थिति इतनी दयनीय है कि हर घर में कोई न कोई बीमार है.
ग्राउंड जीरो पर पहुंची लोकल 18 टीम
ग्राउंड जीरो पर पहुंची लोकल 18 की टीम से बातचीत में स्थानीय रहवासी दीपक खेड़े बताते हैं कि 25 वर्षों से यहां निवास कर रहे हैं. आज तक शासन की किसी योजना का लाभ नहीं मिला. शौचालय के लिए पंचायत और नगर पालिका दोनों में आवेदन दिया, लेकिन योजना का लाभ नहीं मिला. मजदूरी करके घर चलाते हैं. शौचालय बनाने के लिए पैसे नहीं हैं, इसलिए मजबूरी में बाहर जाना पड़ता है.
80 फीसदी लोग खुले में जाते हैं
सनोवर पठान ने कहा कि मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री किसी भी योजना का लाभ नहीं मिला. गांव में 20 प्रतिशत लोगों के घरों में शौचालय हैं वो भी उन्होंने अपने पैसों से बनाए हैं. 80 फीसदी आबादी आज भी खुले में जाती है. उनका कहना है कि पंचायत जाते हैं तो नगर पालिका भेजते हैं और नगर पालिका वाले पंचायत भेजते हैं. कोई सुनवाई नहीं करता, बस दौड़ाते रहते हैं.
पंच की भी नहीं होती सुनवाई
जलुद पंचायत के वार्ड 20 (सोनिया नगर) के पंच मुकेश सोलंकी ने बताया कि पंचायत सरपंच गोदावरी बाई और सचिव कालू पटेल को समस्याओं से कई बार अवगत कराया, परंतु कोई नहीं सुनता. इस क्षेत्र में पंचायत से किसी भी व्यक्ति को शौचालय योजना का लाभ नहीं मिला.
सड़को पर गंदा पानी, गड्ढों में गिरते है लोग
जायदा, नजमा और गीता बताती हैं कि यहां न तो पीने के लिए साफ पानी मिलता है और न ही पक्की सड़क है. लोगों के घरों से निकलने वाला गंदा पानी सड़कों पर बहता है, जिससे पूरे साल कीचड़ जमा रहता है. रात के समय लोग गड्ढों में गिर जाते हैं. शौचालय बने नहीं हैं, इसलिए खुले में जाते हैं. इससे बदबू आती है, मच्छर पनपते हैं. आए दिन बीमार पड़ते हैं. चुनाव के वक्त नेता आते हैं, सुविधाएं देने के वादे करते हैं, चुनाव होते ही भूल जाते हैं.
दो सीमाओं के बीच फंसे लोग
बता दें कि जलुद पंचायत का सोनिया नगर क्षेत्र मंडलेश्वर नगर पालिका की सीमा से लगा हुआ है. इस इलाके में आधे से ज्यादा रहवासी मंडलेश्वर के हैं, जो पंचायत में रह रहे हैं. ऐसे में लोगों को योजनाओं का लाभ नहीं दिया जा रहा है. दोनों सीमाओं के बीच फंसे ये सैकड़ों लोग लावारिसों की तरह जीवन यापन कर रहे हैं.
FIRST PUBLISHED :
November 21, 2024, 16:43 IST