Agency:News18 Bihar
Last Updated:February 08, 2025, 14:20 IST
Samastipur News : ट्राइकोग्रामा एक अंड-परजीवी कीट है जो शत्रु कीटों के अंडों में अंडा डालकर उन्हें नष्ट करता है. डॉ. अनिल कुमार के अनुसार, इसका उपयोग रसायन-मुक्त कीट नियंत्रण में किया जा रहा है.
परजीवी कीड़ा
समस्तीपुर : अगर आप अपने खेत में लगी फसल में रासायनिक कीटनाशकों का प्रयोग नहीं करना चाहते तो परजीवी किट का इस्तेमाल करके आप अपनी फसल को सुरक्षित रख सकते हैं.ट्राइकोग्रामा एक अंड-परजीवी मित्र कीट है, जो शत्रु कीटों के अण्डों में अपना अंडा डालकर उन्हें अंडावस्था में ही नष्ट कर देता है. इसके बाद, ट्राइकोग्रामा का वयस्क कीट बाहर आता है और पुनः शत्रु कीटों के अंडों में अपना अंडा डालता है. इस प्रकार, यह शत्रु कीटों की जनसंख्या को नियंत्रित करता है.
डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के कीट वैज्ञानिक डॉक्टर अनिल कुमार ने बातचीत के दौरान बताया की ट्राइकोग्रामा की 18 प्रजातियों का उपयोग नाशीजीव प्रबंधन में किया जा रहा है.इसका उपयोग रसायन-मुक्त कीट नियंत्रण का एक प्रभावी उपाय है, क्योंकि इसमें शत्रु कीटों का नाश अंडावस्था में ही हो जाता है. इस तकनीक से न केवल फसल की रक्षा सुनिश्चित होती है, बल्कि कीटनाशक दवाओं पर होने वाला खर्च भी बच जाता है और विष-मुक्त खाद्य एवं सब्जियां उगाई जा सकती हैं. यह गन्ने के सभी प्रकार के छेदक, चना, अरहर की सुंडी, गोभी की सुंडी, तथा अनेक अन्य कीटों से भी सुरक्षा प्रदान करता है.
यह है प्रयोग विधि
छेदक नाशीजीवों से फसल सुरक्षा हेतु, 50 हजार ट्राइकोग्रामा प्रजाति से आच्छादित ट्राइको कार्ड को 10 दिन के अंतराल पर खेतों में छोड़ा जाता है. सामान्यत: 2.5 कार्ड प्रति हेक्टेयर लगाए जाते हैं. पूरी फसल अवधि में 4-6 बार ट्राइको कार्ड छोड़ने की जरूरत होती है. इसके बाद किसी भी प्रकार के रासायनिक कीटनाशक का उपयोग नहीं करना चाहिए. ट्राइकोग्रामा की प्रक्रिया में, इसके लार्वा शत्रु कीट के अण्डों में रहते हुए विकसित होते हैं और अंत में एक पतंगा के रूप में बाहर निकलकर शत्रु कीट के अण्डों में अपना अंडा डालते हैं.
ऐसे करे प्रयोगशाला में उत्पादन
ट्राइकोग्रामा का बहुगुणन चावल के कीट कोर्सेरा के अण्डों पर किया जाता है. ये अंडे एक विशेष कार्ड पर चिपकाए जाते हैं, जिसे ट्राइको-कार्ड कहा जाता है. प्रत्येक कार्ड पर लगभग 20,000 अंडे होते हैं. इस तरह, ट्राइकोग्रामा का उपयोग फसल सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण और प्रभावी जैविक उपाय है, जो रासायनिक कीटनाशकों से बचाव करने में मदद करता है.
Location :
Samastipur,Bihar
First Published :
February 08, 2025, 14:20 IST
ट्राइकोग्रामा है किसानों के लिए वरदान, कीटनाशक से बचाए, फसल की करे सुरक्षा