चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) का कार्यकाल डेढ़ महीने और बचा है. जस्टिस चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को अपने पद से रिटायर होंगे. भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश जस्टिस चंद्रचूड़ ने 9 नवंबर 2022 को कुर्सी संभाली थी और उनका कार्यकाल 2 साल का है. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के बाद जस्टिस संजीव खन्ना (Justice Sanjiv Khanna) सीनियॉरिटी लिस्ट में दूसरे नंबर पर हैं और वहीं अगले चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बनेंगे.
जस्टिस चंद्रचूड़ के बाद कौन होंगे अगले CJI
जस्टिस संजीव खन्ना 11 नवंबर 2024 को 51वें मुख्य न्यायाधीश नियुक्त होंगे. हालांकि उनका कार्यकाल महज 6 महीने का होगा. वह 13 मई 2025 को रिटायर हो जाएंगे. जस्टिस संजीव खन्ना साल 2019 में दिल्ली हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट आए थे. 14 मई 1960 को जन्में जस्टिस सचिव खन्ना ने साल 1983 में बार काउंसिल ऑफ दिल्ली में रजिस्ट्रेशन कराया और वकालत शुरू की.
कौन हैं जस्टिस संजीव खन्ना?
शुरुआती दिनों में वह दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट में प्रैक्टिस किया करते थे. बाद में सुप्रीम कोर्ट में वकालत करने लगे. कांस्टीट्यूशनल लॉ, डायरेक्ट टैक्स, कमर्शियल लॉ, कंपनी लॉ के विशेषज्ञ माने जाने वाले जस्टिस संजीव खन्ना को साल 2005 में दिल्ली हाई कोर्ट का एडिशनल जज नियुक्ति किया गया था. फिर 2006 में परमानेंट जज बना दिया गया. जस्टिस खन्ना 17 जून 2023 से सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विस कमेटी के अध्यक्ष भी हैं. इसके अलावा नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन और नेशनल ज्यूडिशल एकेडमी भोपाल की गवर्निंग काउंसिल के मेंबर भी हैं.
जस्टिस संजीव खन्ना (फाइल फोटो)
CJI की नियुक्ति पर संविधान में क्या कहा गया है?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124 में उच्चतम न्यायालय की स्थापना, गठन, चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया और सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति का प्रावधान है. अनुच्छेद 124 में कहा गया है कि भारत का एक सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) होगा और उसके एक मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) होंगे. जब तक संसद कानून के जरिये संख्या नहीं बढ़ाती, तब तक सात से अधिक अन्य न्यायाधीश नहीं होंगे. अनुच्छेद 124 (A) में कहा गया है कि भारत के राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय और राज्यों के उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति करेंगे.
क्या है CJI के लिए क्राइटेरिया
कानून मंत्रालय की वेबसाइट पर CJI की नियुक्ति की प्रक्रिया और क्राइटेरिया के बारे में विस्तृत ब्यौरा है. इसमें कहा गया है कि सिनियॉरिटी प्रिंसिपल यानी वरिष्ठता के सिद्धांत के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश को मुख्य न्यायाधीश के पद पर नियुक्ति किया जा सकता है. केंद्रीय कानून मंत्री उचित समय पर भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए भारत के निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश की सिफारिश मांगेंगे. सीजेआई की नियुक्ति 65 वर्ष की आयु तक के लिए होती है. सुप्रीम कोर्ट के अन्य जजों की रिटायरमेंट उम्र भी 65 साल ही है.
CJI के लिए कुछ और योग्यताएं निम्नलिखित हैं
- भारत के नागरिक होने चाहिए
- किसी भी हाईकोर्ट में कम से कम 5 साल जज के तौर पर सेवा
- किसी हाईकोर्ट में वकील के तौर पर 10 साल की प्रैक्टिस
- सिनियॉरिटी प्रिंसिपल के मुताबिक सबसे सीनियर मोस्ट जज
CJI की नियुक्ति के 6 चरण
1. सिफारिश: जब वर्तमान मुख्य न्यायाधीश सेवानिवृत्त होने वाले होते हैं, तो कानून मंत्रालय चीफ जस्टिस से अगले CJI की नाम की सिफारिश मांगता है
2. परामर्श: मंत्रालय अन्य न्यायाधीशों से भी परामर्श कर सकता है
3. प्रजेंटेशन: सिफारिश प्रधानमंत्री के समक्ष प्रस्तुत की जाती है
4. सलाह: प्रधानमंत्री नियुक्ति पर राष्ट्रपति को सलाह देते हैं
5. निर्णय: राष्ट्रपति सिफारिशों पर विचार करने के बाद नियुक्ति पर अंतिम निर्णय लेते हैं.
6. शपथ: नया मुख्य न्यायाधीश राष्ट्रपति के समक्ष पद की शपथ लेता है।
और CJI को हटाया कैसे जाता है?
CJI या सुप्रीम कोर्ट के किसी न्यायाधीश को महाभियोग (Impeachment) के जरिये उनके पद से हटाया जा सकता है. संविधान में कहा गया है कि महाभियोग (Impeachment) प्रस्ताव संसद के दोनों सदनों में उस सदन की कुल सदस्यता के बहुमत और उपस्थित और मतदान करने वाले कम से कम दो-तिहाई सदस्यों के बहुमत से पारित होना चाहिए.
क्या रिटायरमेंट के बाद फिर वकालत कर सकते हैं?
नहीं. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) या जज रिटायरमेंट के बाद भारत के किसी भी न्यायालय अथवा प्राधिकरण में वकालत नहीं कर सकते हैं. रिटायरमेंट के बाद उन्हें प्रैक्टिस से डिबार किया जाता है.
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FIRST PUBLISHED :
September 25, 2024, 11:57 IST