श्रीनगर गढ़वाल. उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के महत्वपूर्ण पड़ाव श्रीनगर गढ़वाल को नगर निगम बने दो साल का समय हो चुका है, लेकिन अब तक यहां कूड़ा निस्तारण की कोई ठोस व्यवस्था नहीं थी. ऐसे में अलकनंदा नदी के किनारे अस्थायी ट्रंचिंग ग्राउंड में कूड़ा खुले में जलाया जा रहा था, जिससे लोगों को कूड़े से निकलने वाली दुर्गंध से परेशानी हो रही थी. साथ ही कूड़े में आग लगने की घटनाएं भी सामने आती थीं, जिससे पूरे नगर में धुआं फैल जाता था. अब नगर निगम को गिरिगांव में स्थायी ट्रंचिंग ग्राउंड मिल गया है, जिससे नगर के बीच में कूड़ा इकट्ठा नहीं होगा. इसके अलावा गिरिगांव में कूड़ा निस्तारण के लिए प्लांट भी लगाया जाएगा, जिसके लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. इस प्रक्रिया के तहत जैविक और अजैविक कूड़े को अलग-अलग किया जाएगा. जैविक कूड़े से कम्पोस्ट का निर्माण किया जाएगा, जबकि अजैविक कूड़े को छांटकर उसे पुन: उपयोग के लिए भेजा जाएगा.
नगर निगम श्रीनगर के सहायक नगर आयुक्त रविराज बंगारी ने लोकल 18 को बताया कि शहर में प्रतिदिन लगभग 10 से 11 टन कूड़ा इकट्ठा होता है. इसके चलते अस्थायी ट्रंचिंग ग्राउंड में अब तक 18 हजार टन कूड़ा जमा हो चुका है. पहले 18 हजार टन कूड़े का निस्तारण स्थायी ट्रंचिंग ग्राउंड में किया जाएगा, जिसके लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. नगर निगम द्वारा जैविक कूड़े का निस्तारण कर उससे कम्पोस्ट बनाया जाएगा और अजैविक कूड़े की भी छंटनी कर उसे पुन: उपयोग के लिए भेजा जाएगा. अब नगर के लोगों को कूड़े से निकलने वाली दुर्गंध से परेशान नहीं होना पड़ेगा.
लोगों को मिलेगी राहत
स्थानीय निवासी राधा देवी ने इस बारे में लोकल 18 से कहा कि कूड़े से निकलने वाली दुर्गंध के चलते उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने पूर्व में नगर निगम को कई बार शिकायत की थी. बरसात के समय कूड़े का ढेर तालाब जैसा बन जाता है, जिससे मच्छर पैदा हो जाते हैं और बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ जाता है. अब इस समस्या का समाधान होने से स्थानीय लोगों को राहत मिलेगी.
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FIRST PUBLISHED :
September 25, 2024, 13:46 IST