हैदराबाद/नई दिल्ली: एक तरफ जब जोर-शोर से प्रचार हो रहा है कि तिरुपति के लड्डू दूषित हैं, तो भक्त भारी मात्रा में उन तिरुमाला के लड्डुओं को खरीद रहे हैं. इस बीच तिरुमाला के श्री वेंकटेश्वर मंदिर में लड्डू की मूल गुणवत्ता को तुरंत बहाल करने का वादा किया है. यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब लड्डू में जानवरों की चर्बी पाए जाने के आरोप ने राज्य में एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है.
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) कार्यकारी अधिकारी जे. श्यामला राव ने शनिवार को मीडिया से कहा, “लड्डू की गुणवत्ता और (इसे बनाने में) इस्तेमाल किए जाने वाले घी की गुणवत्ता पर अब कोई समझौता नहीं किया जाएगा.” हालांकि, TTD ने शनिवार को भगवान को अर्पित किए जाने वाले अन्य प्रसादों की तैयारी में गाय के घी और दूध आधारित उत्पादों के उपयोग पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी.
मंदिर के लिए घी का हो रहा स्टॉक
KMF के प्रसिद्ध नंदिनी ब्रांड घी का स्टॉक मंदिर की रसोई में पहुंचाया जा रहा है, जिसे ‘पोटू’ के नाम से जाना जाता है. यह तब हो रहा है, जब शुक्रवार को 73,000 से ज़्यादा तीर्थयात्री मंदिर में आए थे. TTD मंदिर के नौ दिवसीय ब्रह्मोत्सव से पहले घी का स्टॉक भी कर रहा है. ब्रह्मोत्सव एक भव्य वार्षिक आयोजन है, जो इस साल 4 से 12 अक्टूबर तक आयोजित किया जाएगा और इसमें लाखों तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद है.
‘पोटू’ रसोई के प्रभारी मुनि रत्नम ने बताया कि धार्मिक आयोजन के दौरान मंदिर में हर दिन 8-9 लाख लड्डुओं का स्टॉक रहता है. TTD को ब्रह्मोत्सव के दौरान 7-8 लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. उन्होंने कहा, “लड्डू बनाने के लिए घी समेत पर्याप्त मात्रा में स्टॉक खरीदा जा रहा है.” टीटीडी ने शनिवार को अस्थायी रूप से गाय के घी से बने उत्पादों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी, जिनका इस्तेमाल “श्रीवारी प्रसादम” के नाम से जाने जाने वाले अन्य प्रसाद बनाने में किया जाता है.
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FIRST PUBLISHED :
September 22, 2024, 14:49 IST