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दिल्ली में 27 साल बाद बीजेपी का 'कमल' खिलने जा रहा है। वहीं आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के दो कद्दावर नेता अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया चुनाव हार गए हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव के रूझानों में बीजेपी दिल्ली में स्पष्ट बहुमत हासिल करते हुए दिख रही है। बीजेपी का 27 साल का सूखा खत्म हो रहा है और बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करने जा रही है। आइए 5 प्वाइंट में समझते हैं दिल्ली में बीजेपी ने इस जीत को कैसे हासिल किया...
1. केजरीवाल का शीशमहल
दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास को बीजेपी शीशमहल बताती है। बीजेपी ने पिछले काफी समय से इस मुद्दे को उठाया। बीजेपी लगातार यह आरोप लगाती रही कि अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री आवास को सजाने पर करोड़ों रुपये खर्च कर दिए। बीजेपी ने इस मुद्दे को इसलिए गरमाए रखा कि अरविंद केजरीवाल के आम आदमी की छवि को तोड़ा जा सके। बीजेपी अपने इस मकसद में सफल रही और यह चुनाव परिणाम में नजर आ रहा है।
2. यमुना का गंदा पानी
इस बार चुनाव का हॉट टॉपिक रही यमुना नदी की गंदगी। ये यमुना का दुर्भाग्य ही है कि जिसने हजारों सालों से दिल्ली को आबाद रखने में सबसे अहम भूमिका निभाई, वही यमुना अब बर्बाद हो चुकी है। बीजेपी ने इस मुद्दे को बड़े जोर-शोर से उठाया। दिल्ली के राजेंद्र नगर के डीडीए फ्लैट में अरविंद केजरीवाल पिछले साल दिसंबर में गए थे। वहां उन्होंने एक टैब को खोलकर उन्होंने पानी पिया था और इससे उन्होंने यह दिखाने की कोशिश की, दिल्ली जल बोर्ड अच्छे पानी की सप्लाई करता है। लेकिन इसके बाद बीजेपी ने पलटवार किया। बीजेपी नेता जगह-जगह आ रहे गंदे पानी को दिखाना शुरू कर दिया। बीजेपी इसे चुनावी मुद्दा बनाने में सफल रही।
3. महिलाओं को 2500 रुपये
बीजेपी ने दिल्ली की महिलाओं को ₹2,500 प्रतिमाह देने का वादा किया था। साथ ही, गरीब परिवारों को LPG सिलेंडर पर ₹500 की सब्सिडी और होली-दीवाली पर एक मुफ्त सिलेंडर देने की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए अपनी अंतिम रैली में आप सरकार पर शब्दों का प्रहार करने के साथ ही, संकल्प पत्र में किए गए वादों को मोदी की गारंटी बताकर उसे पूरा करने का विश्वास दिया था। भाजपा की सरकार बनने पर महिलाओं के बैंक खाते में विश्व महिला दिवस तक 2500 रुपये भेजने की घोषणा की थी। जनता ने बीजेपी की इन घोषणाओं को आम आदमी पार्टी की घोषणाओं से ज्यादा तवज्जो दी।
4. बीजेपी का आक्रामक चुनाव प्रचार
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रचार का सबसे बड़ा चेहरा खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रहे। पीएम मोदी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव का बिगुल तो काफी पहले फूंक दिया। लेकिन अंतिम समय में उन्होंने दिल्ली के कुछ और जिलों को कवर करने की कोशिश भी की। इस चुनाव में बीजेपी ने आम आदमी पार्टी के दिग्गज नेताओं को सांस लेने का मौका भी नहीं दिया और अपने कई दिग्गज नेता उनके खिलाफ उतारे। बीजेपी ने पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ परवेश वर्मा को उतारा, सीएम आतिशी के खिलाफ रमेश बिधूड़ी को टिकट दिया। बीजेपी ने इन नेताओं की लोकप्रियता और राजनीतिक अनुभव का इस्तेमाल AAP के खिलाफ किया।
5. बिना CM के चेहरे के फाइट
चुनावी गुटबाजी, जातीय गोलबंदी, क्षेत्रीय पहचान से पैदा होने वाली दिक्कतों को देखते हुए बीजेपी पिछले कुछ चुनावों में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं करती आ रही है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने ऐसा ही किया। इसका नतीजा ये हुआ कि दिल्ली के बीजेपी के वोटर और समर्थक पूर्वांचली, पहाड़ी, पंजाबी में नहीं बंटे। उन्होंने एकमुश्त होकर बीजेपी को वोट किया। बीजेपी इस फॉर्मूले पर हरियाणा, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र में चुनाव जीत चुकी है।
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