दिल्ली में खड़ी हो गई आप के सारे दिग्गजों की खाट... बस बचे ये 'तीन', कैसे

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Last Updated:February 08, 2025, 14:17 IST

Delhi Assembly Results: दिल्ली विधानसभा के चुनावों में अरविंद केजरीवाल गए तो मनीष सिसौदिया भी हारे और नहीं बचे सत्येंद जैन. यानि आप के सारे दिग्गजों की खाट यहां खड़ी हो गई लेकिन ये तीन दिग्गज जरूर बचे, जानें कै...और पढ़ें

दिल्ली में खड़ी हो गई आप के सारे दिग्गजों की खाट... बस बचे ये 'तीन', कैसे

हाइलाइट्स

  • अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन हारे
  • गोपाल राय, अमानुल्ला खान, आतिशी ने बदली तस्वीर
  • आतिशी ने कालकाजी सीट से जीत हासिल की

दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी के सारे दिग्गज हार गए केवल दो ही बचे रहे. इन चुनावों में आमतौर पर अरविंद केजरीवाल से लेकर मनीष सिसौदिया, सत्येंद्र जैन की बुरी गत हुई तो दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी तक अपनी सीट नहीं बचा पाईं. इस चुनावी सूनामी में आप के दो नेता ही उखड़ने से बचे रहे और जीते ही नहीं बल्कि जबरदस्त अंतर से जीते यानि शान से जीते.

किसी ने सोचा भी नहीं रहा होगा कि दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हार का मुंह देखना पड़ा. इसी तरह पार्टी में नंबर दो की पोजिशन रखने वाले पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया भी सीट नहीं बचा पाए. आप के एक और दिग्गज मंत्री सत्येंद्र जैन भी अपनी सीट नहीं बचा पाए.

गौरतलब ये भी है कि ये तीनों ही नेता तिहाड़ में सलाखों के पीछे भेजे गए. पिछली बार के चुनावों में इन तीनों नेताओं का जादू खूब चला था लेकिन पांच साल के भीतर ही भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद जनता ने उनकी सियासी गाड़ी पटरी से ऐसी उतारी कि कहना पड़ेगा कि बड़े बेआबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले. जनता ने उनकी इमेज को वाकई बट्टेदार माना और चुनावों में उन्हें हार का करंट लगाया.

आप पर ही चली उसकी झाड़ू
वो आम आदमी पार्टी जिसका जादू पिछले चुनावों में खूब चला था, इस बार ऐसा लग रहा है कि जनता ने उसी की झाड़ू से उसको साफ कर दिया. 2015 में आम आदमी पार्टी ने 67 सीटें जीती थीं, लेकिन 2020 में यह संख्या घटकर 62 हो गई.. दूसरी ओर बीजेपी ने 2015 में 3 सीटें जीतीं और 2020 में 8 सीटें. इस बार वह 48 सीटें पाने जा रही है.

केजरीवाल की जीत की हैट्रिक टूटी
2025 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा के प्रवेश वर्मा ने करीब 1900 वोटों से हराया. केजरीवाल को 20,190 वोट मिले, जबकि वर्मा को 22,034 वोट मिले. कांग्रेस पार्टी के संदीप दीक्षित 3,503 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे.

2020 में, केजरीवाल ने 46,758 वोटों के साथ नई दिल्ली सीट जीती थी. तब केजरीवाल 21,697 वोटों के अंतर से जीते थे. इससे पहले 2015 में केजरीवाल ने नई दिल्ली सीट 57,213 वोटों से जीती थी. तब उन्होंने भाजपा की नुपुर शर्मा को करीब 21000 वोटों से हराया था. इस तरह केजरीवाल की तीन जीत की हैट्रिक के बाद हार का करंट लगा.

सिसोदिया भी सूनामी में बहे
तो मनीष सिसोदिया जंगपुरा सीट पर बीजेपी के तरविंदर सिंह मारवाह से हार गए. सत्येंद्र जैन को शकूर बस्ती में करनैल सिंह ने हरा दिया. इन तीनों की हार ये जाहिर कर रही है कि किस तरह आप की झाड़ू उन्हीं के खिलाफ चल गई. लेकिन क्या आपको मालूम है कि इस चुनावी सूनामी में आप के किन तीन दिग्गजों ने अपनी लाज बचा ली.

कौन हैं ये तीन आप के दिग्गज
आम आदमी पार्टी के ये तीन दिग्गज नेता हैं, गोपाल राय, अमानुल्ला खान और मुख्यमंत्री आतिशी. अमानतुल्लाह खान ओखला सीट से खड़े थे. फिलहाल वो इस सीट पर अजेय बढ़त हासिल कर चुके हैं. उनकी जीत पक्की है. 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में अमानतुल्लाह खान ने 130,367 वोटों के महत्वपूर्ण अंतर से जीत हासिल की थी. इस बार भी वह इसी ओर बढ़ते हुए लग रहे हैं. वर्ष 2015 में उनकी जीत का मार्जिन 104,271 वोटों के साथ ओखला सीट जीती थी.
यमुना नदी के किनारे स्थित ओखला सीट दिल्ली के प्राचीन इलाकों में एक है. यह क्षेत्र मुस्लिम बहुल है, जहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 50% से अधिक है, जो किसी भी प्रत्याशी की जीत-हार में निर्णायक भूमिका निभाती है.

कैसे बचे इस तूफान में 
वहीं आप के मंत्री गोपाल राय बाबरपुर सीट से खड़े थे. वह 76192 वोट पाकर 18994 वोटों से जीते. वहीं कालका सीट पर खड़ी दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी 3580 वोटों से जीतीं.

लोप्रोफाइल में रहते हैं
अब आप सोच रहे होंगे कि ये तीन प्रत्याशी कैसे इस सूनामी खुद को बचाए रख पाए. गोपाल राय आमतौर पर लोप्रोफाइल रहते हैं. विवादास्पद नहीं हैं. उनकी सीट में छोटे उद्योगों और व्यापारियों की प्रमुखता है. हालांकि यहां के निवासियों को यातायात और सफाई जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इस सीट पर अलग सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि के लोग रहते हैं. ये इलाका हमेशा से दिल्ली की राजनीति में खास रोल निभाता आया है.

कालका सीट ने किसे बचाया
अब आखिरी में उस सीट की बात करते हैं जहां से दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने चुनाव जीता है. आतिशी को कुल 52058 वोट मिले. उन्होंने 3580 के अंतर से चुनाव जीता. कालकाजी सीट है. यह क्षेत्र अपने ऐतिहासिक कालकाजी मंदिर के लिए प्रसिद्ध है. मिश्रित जनसांख्यिकी वाला क्षेत्र है, इसमें अलग सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि के लोग निवास करते हैं.वह बीजेपी की रमेश बिधूड़ी और कांग्रेस की अलका लांबा के खिलाफ खड़ी थीं. रमेश बिधूड़ी को उनका बड़बोलापन ले डूबा. वैसे आतिशी ने दिल्ली सरकार के शिक्षा सुधारों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे उनकी एक सकारात्मक छवि बनी. उन्होंने स्थानीय समस्याओं को समझा. उनके समाधान के लिए प्रयास किए, जिससे मतदाताओं का विश्वास जीता.

Location :

Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh

First Published :

February 08, 2025, 14:17 IST

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