दुकान पर बैठते थे-पढ़ने का समय नहीं मिलता था, पर मां ने की मदद, तो बेटे ने...

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Agency:News18 Uttar Pradesh

Last Updated:January 22, 2025, 13:05 IST

Success Story: नीरज जायसवाल ने अपनी जिंदगी में कई परेशानियां देखी. लेकिन कभी बार नहीं मानी. UPSC CDS एग्जाम में उन्होंने 328 रैंक हासिल की थी.

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UPSC CDS Exam Pass

Success Story: नीरज जायसवाल ने यूपीएससी सीडीएस की परीक्षा में 328 वां रैंक लाकर पूरे राज्य का नाम रौशन किया है. वो जिले के मुगलसराय के राम मंदिर के रहने वाले हैं. लोकल 18 की टीम से हुई बात में नीरज ने बताया कि उनकी प्रारंभिक पढ़ाई मुगलसराय के ही ब्रिलिएंट पब्लिक स्कूल में हुई है. उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए वाराणसी के बीएचयू में नामांकन कराया है. यहां से स्नातक एवं एमए की पढ़ाई कॉमर्स से पूरी करने के बाद अपने लक्ष्य में सपने को पूरा करने के लिए यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दिया. वर्ष 2020 से ही यह अपनी परीक्षा की तैयारी में लग गए.

गुरु के मार्गदर्शन में लक्ष्य को किया हासिल
नीरज ने बताया कि मैट्रिक तक की पढ़ाई करते समय उसे खेल में काफी रुचि थी. उन दिनों यह क्रिकेट खेलने में काफी मन लगाते थे. इस दौरान अपने पिता की दुकान में भी सहयोग करना पड़ता था. तभी इनके प्रारंभिक गुरु और ब्रिलिएंट पब्लिक स्कूल के प्रधानाध्यापक धनंजय गुप्ता ने इनके अंदर के हुनर को परख कर अच्छी मुकाम हासिल करने का सुझाव दिया. जिनके मार्गदर्शन में उन्हें पढ़ाई शुरू कर दिया.

वहीं, उन्होंने बताया कि खेल के दौरान क्रिकेट में रुचि रखते हुए कई पुरस्कार को भी अपने क्षमता के बल पर हासिल किया. इन दिनों विकेट कीपर बल्लेबाज के तौर पर लगातार 5 वर्षों तक खेल में बेहतर प्रदर्शन किया. खेल के बारे में उन्होंने बताया कि खिलाड़ियों के साथ रहकर एक टीम वर्क के साथ आगे बढ़ाने की प्रेरणा मिली. इसी का नतीजा हुआ कि हमने इस परीक्षा में सफलता हासिल किया है. उस कार्य में भी टीम वर्क की भावना को जागृत करते रहेंगे.

मां ने दी आगे बढ़ने की प्रेरणा
नीरज ने अपनी सफलता के बारे में बताया कि दुकान पर समय अधिक देने के वक्त पढ़ाई के लिए समय कम मिल पाता था. ऐसे में हमारे गुरुवर धनंजय जी ने मेरे मां पिता से संपर्क कर पढ़ाई के जज्बे की जानकारी दी. जिससे प्रभावित होकर माता-पिता ने सपने को पूरा करने के लिए मुझे दुकान से हटा दिया. घर में ही पढ़ने के लिए एक अलग से मुझे कमरा दिया गया, जहां पढ़ने की सारी व्यवस्थाएं दी गई. पढ़ाई के लिए मेरी मां ने काफी सहयोग किया. सुबह का नाश्ता एवं खाने की चिंता मां को रहती थी. मां ने भी बताया कि इसके मन में हमेशा था कि मैं देश एवं समाज के लिए कुछ करूं. जिसको लेकर यह हमेशा पढ़ाई के वक्त चर्चा करता रहता था, तभी से मैंने सोचा कि इसे अच्छा करने के लिए कुछ अच्छा करना पड़ेगा. जिसमें उनके पिता का काफी सहयोग रहा और निश्चित तौर पर यह मेहनत रंग लाया.

परिवार के अन्य सदस्य हैं व्यवसायी
उनके परिवार के सभी सदस्य दुकान चलाते हैं. जिनमें एक अलग स्थान है. अधिकतर बच्चे पढ़ाई करने के बाद व्यवसाय ही बनते हैं. इस परिवार में नीरज जायसवाल ने पढ़ाई के महत्व को समझ कर अलग पहचान दिलाने में कामयाबी पाई है. इसकी सफलता से परिवार के सभी सदस्य खुश हैं कि जिस काम को आने वाले लोगों ने नहीं किया. वह नीरज ने कर दिखाया है. उनकी सफलता पर सभी काफी खुश हैं.

First Published :

January 22, 2025, 13:05 IST

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