Last Updated:January 11, 2025, 20:00 IST
धनबाद के एक स्कूल में पेन डे पर 10वीं की छात्राओं की शर्ट उतरवाने की घटना से अभिभावकों में आक्रोश है. प्रिंसिपल के इस कठोर आदेश ने छात्राओं को शर्मिंदा किया. अभिभावकों ने प्रिंसिपल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है और प्रशासन ने...और पढ़ें
धनबाद: झारखंड के धनबाद जिले के एक प्रतिष्ठित स्कूल में बोर्ड परीक्षा से पहले 10वीं की छात्राओं के स्कूल का आखिरी दिन बेहद दर्दनाक और शर्मनाक रहा. इस दिन को छात्राएं अपने दोस्तों के साथ यादगार बनाना चाहती थीं, लेकिन प्रिंसिपल के एक आदेश ने उनकी उम्मीदों को चकनाचूर कर दिया. इस घटना के बाद से अभिभावकों में जबरदस्त आक्रोश है और वे प्राचार्य के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
दरअसल, यह घटना गुरुवार को हुई. 10वीं की छात्राएं स्कूल के आखिरी दिन को पेन डे के रूप में मना रही थीं. इस दौरान छात्राएं एक-दूसरे की शर्ट पर शुभकामनाएं लिख रही थीं. यह हरकत स्कूल की प्रिंसिपल एम. देवश्री को नागवार गुजरी. प्रिंसिपल ने तुरंत छात्राओं को बुलाया और पहले कड़ी फटकार लगाई. इसके बाद उन्होंने करीब 80 से ज्यादा छात्राओं की शर्ट उतरवा दी.
छात्रों ने रोते हुए माता-पिता को सुनाई पूरी कहानी
प्राचार्य ने छात्राओं को शर्ट पहनने की इजाजत नहीं दी और केवल ब्लेजर पहनकर घर जाने को कह दिया. छात्राएं रोते हुए स्कूल प्रशासन से गुहार लगाती रहीं, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी. घर पहुंचने के बाद छात्राओं ने रोते- रोते अपने माता-पिता को पूरी घटना बताई. अब छात्राएं इस दिन को “ट्रॉमेटिक डे” कह रही हैं.
अभिभावकों ने कार्रवाई की मांग की
जैसे ही अभिभावकों को इस घटना की जानकारी मिली, तो उनका गुस्सा फूट पड़ा. वे डीसी ऑफिस पहुंचे और स्कूल प्रिंसिपल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. उनका कहना है कि उनकी बेटियों के साथ ऐसा अपमानजनक व्यवहार करना अस्वीकार्य है.
विधायक रागिनी सिंह भी पहुंची डीसी कार्यालय
घटना की सूचना मिलने पर स्थानीय विधायक रागिनी सिंह भी अभिभावकों के साथ डीसी कार्यालय पहुंचीं. उन्होंने इसे पूरी तरह से दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक बताया. डीसी माधवी मिश्रा ने कहा कि जिला प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लिया है और एक जांच कमेटी गठित की गई है.
जांच के लिए गठित की गई कमेटी
डीसी ने बताया कि जांच कमेटी में अनुमंडल पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, समाज कल्याण पदाधिकारी, एसडीपीओ और लोकल थाना प्रभारी को शामिल किया गया है. यह टीम स्कूल जाकर पूरे मामले की जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी, जिसमें एफआईआर दर्ज करना भी शामिल है.
अभिभावकों ने प्रशासन से मांग की है कि दोषी प्राचार्य को तत्काल प्रभाव से सजा दी जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों. घटना से छात्राओं और उनके परिवारों पर गहरा मानसिक प्रभाव पड़ा है.