Cabinet Decisions : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को नये आयकर विधेयक को मंजूरी दे दी, जो छह दशक पुराने आईटी अधिनियम की जगह लेगा। नया विधेयक प्रत्यक्ष कर कानून को समझने में आसान बनाने और कोई नया कर बोझ नहीं लगाने की एक कवायद है। इसमें प्रावधान और स्पष्टीकरण या कठिन वाक्य नहीं होंगे। सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने नये आयकर विधेयक को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि नया आयकर विधेयक अब अगले सप्ताह संसद में पेश किया जाएगा और इसे संसद की वित्त संबंधी स्थायी समिति के पास भेजा जाएगा। संसद के मौजूदा बजट सत्र का पहला चरण 13 फरवरी को खत्म हो रहा है। सत्र 10 मार्च को फिर शुरू होगा और चार अप्रैल तक चलेगा।
बजट में हुई थी घोषणा
नए विधेयक की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में की थी। छह दशक पुराने आयकर अधिनियम 1961 की जगह लेने वाला नया आयकर विधेयक प्रत्यक्ष कर कानूनों को पढ़ने-समझने में आसान बनाएगा, अस्पष्टता दूर करेगा और मुकदमेबाजी को कम करेगा। नया अधिनियम उन सभी संशोधनों और धाराओं से मुक्त होगा जो अब प्रासंगिक नहीं हैं। साथ ही भाषा ऐसी होगी कि लोग इसे टैक्स एक्सपर्ट्स की सहायता के बिना समझ सकें।
'स्किल इंडिया' कार्यक्रम के लिए 8,800 करोड़ रुपये की मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 'स्किल इंडिया' कार्यक्रम को 8,800 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ वर्ष 2026 तक जारी रखने और पुनर्गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए इस फैसले की जानकारी दी। वैष्णव ने कहा कि मंत्रिमंडल ने 'स्किल इंडिया कार्यक्रम' को 2026 तक जारी रखने और इसके पुनर्गठन के लिए 8,800 करोड़ रुपये के परिव्यय को मंजूरी दी। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, यह मंजूरी देशभर में मांग-संचालित, प्रौद्योगिकी-सक्षम और उद्योग-अनुकूल प्रशिक्षण को एकीकृत करके एक कुशल, भविष्य के लिए तैयार कार्यबल के निर्माण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 (पीएमकेवीवाई 4.0), प्रधानमंत्री राष्ट्रीय प्रशिक्षु प्रोत्साहन योजना (पीएम-एनएपीएस) और जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस) योजना अब 'स्किल इंडिया कार्यक्रम' की समग्र केंद्रीय क्षेत्र योजना के तहत जोड़ दी गई हैं।
(पीटीआई/भाषा के इनपुट के साथ)