शाहजहांपुर : धान की कटाई के बाद रबी फसलों की खेती का सीजन शुरू हो गया है. रबी फसलों में किसान मुख्य तौर पर गेहूं की खेती करते हैं. गेहूं की खेती का पहला चरण 25 अक्टूबर से 10 नवंबर तक होता है.वहीं दूसरी चरण 11 नवंबर से 25 नवंबर तक और तीसरा चरण 26 नवंबर से 25 दिसंबर तक रहता है. गेहूं की बुवाई करते समय बीज की मात्रा, बीज की गुणवत्ता और बुवाई के तरीकों पर विशेष तौर पर ध्यान देने की जरूरत है. एक्सपर्ट का कहना है कि अगर सही मात्रा में बीज की बुवाई की जाए तो किसानों को अच्छा उत्पादन मिलेगा. हालांकि बीज की मात्रा अलग-अलग किस्म और बुवाई के समय पर भी निर्भर करती है.
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनपी गुप्ता का कहना है कि बीज की मात्रा का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, बीज की मात्रा इस बात पर भी निर्भर करती है कि बुवाई का तरीका कौन सा है. क्योंकि कई किसान छीटा लगाकर गेहूं की फसल की बुवाई करते हैं और कई किसान आधुनिक कृषि यंत्र से गेहूं की फसल की बुवाई करते हैं. सीड ड्रिल से गेहूं की बुवाई करने पर समान गहराई और समान दूरी पर बीज गिरता है. जिससे किसानों को अच्छा उत्पादन मिलता है. इसके अलावा किसान हैप्पी सीडर और सुपर सीडर से भी गेहूं की फसल की बुवाई करते हैं.
आधुनिक तरीके से करें बुवाई
डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि नवंबर के महीने में सीड ड्रिल मशीन से गेहूं की बुवाई करने से 40 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से बीज की बुवाई करनी चाहिए. सीड ड्रिल से गेहूं की बुवाई करने से समान गहराई और समान दूरी पर बीज गिरता है. जिससे बीज का जमाव अच्छा होता है. इसके अलावा किसान हैप्पी सीडर या फिर सुपर सीडर से भी गेहूं की फसल की बुवाई कर सकते हैं. यह दोनों ही आधुनिक कृषि यंत्र है, जिससे एक निश्चित गहराई और निश्चित मात्रा में ही बीज गिरता है.
25 प्रतिशत बढ़ जाती है खपत
डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि बहुत से किसान आज भी छीटा लगाकर गेहूं की फसल की बुवाई करते हैं. इस विधि से गेहूं की बुवाई करने पर लगभग 25 प्रतिशत ज्यादा बीज की जरूरत होती है, यानि कि किसानों को 50 से 55 किलो प्रति एकड़ के हिसाब से बीज की आवश्यकता होती है. किसान खेत को तैयार कर गेहूं का छीटा लगाकर उसके बाद पाटा चलाकर समतल कर देते हैं. ध्यान रखें कि गेहूं की फसल की बुवाई करते समय बीज का उपचार जरूर कर लें.
Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News Hindi
FIRST PUBLISHED :
October 22, 2024, 17:11 IST