Agency:News18 Bihar
Last Updated:February 02, 2025, 20:19 IST
भोजपुर में किन्नरों के एक समूह ने नाच गाने के साथ एक ऐसा काम शुरू किया है जिसकी चारों तरफ चर्चा हो रही है. उनके काम को देखते हुए लोग भी उनकी मदद कर रहे हैं.
किन्नरों के समूह ने शूरू किया ऐसा पवित्र कार्य की हर तरफ होने लगी चर्चा
हाइलाइट्स
- किन्नरों का समूह मूर्ति बनाकर अपना गुजारा कर रहा है.
- मूर्तियों से किन्नरों की अच्छी खासी आमदनी हो रही है.
- स्थानीय लोग किन्नरों के काम में सहयोग कर रहे हैं.
भोजपुर. किन्नरों के बारे में सोचते ही मन में एक अलग ही सोच उमड़ पड़ती है. ज्यादातर दूसरों की खुशियों पर बधाई मांगने और अश्लील डांस के लिए किन्नरों की जो छवि समाज में बनी हुई है. उससे सभी रूबरू है. लेकिन बिहार के भोजपुर जिला में इन सबके परे किन्नरों का एक ग्रुप आज इज्जत की जिंदगी जी रहा है. ऐसा हम नहीं किन्नरों के द्वारा किया जा रहा काम कह रहा है.
भोजपुर जिला के आरा मुख्यालय से 25 किलोमीटर की दूरी पर मौजिद बिहिया नगर पंचायत में किन्नरों का समूह मूर्ति बनाकर अपना भरण पोषण कर रहे हैं. यही नहीं, मूर्तियों से इन किन्नरों की अच्छी खासी आमदनी हो रही है. इज्जत के साथ जी रहे ये किन्नर साल के 6 महीने नाच गाना कर पेट चलाते हैं लेकिन बाकी के 6 महीना भूखे रहने की नौबत आ जाती है. इस वजह से किन्नरों मां सरस्वती की मूर्ति बना अपने जीविकोपार्जन के रास्ते को निकाला है. ये किन्नर कोलकाता में मूर्तियों का कार्य करते थे लेकिन किसी कारण से इनका पूरा समूह भोजपुर जिला चला आया और अब यही ये अपने जीने का नया तरीका निकाला है.
भोजपुर जिले के बिहिया की रहने वाली मंगला मुखी किन्नर अब रोजगार के नए अवसर को तलाश कर चुकी हैं. ये लोग मां सरस्वती की मूर्तियां बना रही हैं. इनकी बनाई गई मूर्तियों का ऑर्डर भी मिल चुका है. भोजपुर जिले के बिहिया प्रखंड के बिहिया में रहने वाली बगलामुखी किन्नरों की बनाई मूर्तियों के खरीदार भी आ गए हैं. ये मूर्तियां 3000 से लेकर 12000 तक में बेची जा रही हैं. मूर्तियों की डिमांड इतनी हो रही है कि ये लोग ग्राहक को दे नहीं पा रहे है.
सरस्वती पूजा पर बनाते हैं मुर्तियां
किन्नरों के समूह व मूर्तिकार खुशी ने बताया कि उन्हें 6 महीने ही काम मिल पाता था और 6 महीने उनको बिना रोजगार के बैठना पड़ता था. इसलिए वे लोग सरस्वती जी की मूर्तियां बना रही हैं, ताकि इनको पैसे मिल सके. पश्चिम बंगाल की रहने वाली मंगलामुखी खुशी अनु पूर्ण, निशा और देवश्री की टीम मां सरस्वती की मूर्ति बनाने में लगी हुई है. बैठे रहते हुए उनके मन में ख्याल आया कि क्यों नहीं वे लोग सरस्वती पूजा के मौके पर मूर्ति का निर्माण शुरू करें. उनकी टीम ने पहले निर्माण सामग्री जुटाई और अब मूर्ति बना रही हैं. उनकी बनाई मूर्तियों को लोग पवित्र मानते हुए जमकर उसे खरीदने के लिए ऑर्डर दे रहे हैं.
लोगों का मिल रहा सहयोग
किन्नरों के इस काम को देखते हुए स्थानीय काफी खुश नजर आते हैं. बिहियां नगर पंचायत के लोग भी इनका काफी सपोर्ट कर रहे हैं. जमीन की जरूरत हो या इनके काम में आने वाली मुसीबतों की. स्थानीय लोग इनका काफी सहयोग करते हैं. ग्राहक बताते हैं कि सीजन के अनुसार मूर्तियां बनाकर ये लोग अपना जीविकोपार्जन कर रहे हैं. इनकी मदद कर, अच्छा लगता है. इन्हें मिट्टी या बांस की जरूरत पड़ती है तो हमलोग जगह बता देते है ये लोग खुद ले आती हैं. किन्नर खुशी बताती हैं कि पहली बार हमलोगों ने मूर्ति बनाने का काम यहां शुरू किया है जिसके बाद लोगों का बहुत प्यार मिल रहा है.
First Published :
February 02, 2025, 20:19 IST