Agency:News18 Bihar
Last Updated:February 12, 2025, 12:27 IST
Mouth Cancer Operation Commando Method: पीएमसीएच के इतिहास में पहली बार कमांडो विधि से सर्जरी कर मुंह के कैंसर का इलाज किया गया. कमांडो सर्जरी को सबसे चुनौतीपूर्ण और जटिल कैंसर उपचारों में से एक माना जाता है. प...और पढ़ें
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पीएमसीएच में पहली बार कमांडो विधि से सर्जरी
हाइलाइट्स
- पीएमसीएच में पहली बार कमांडो विधि से माउथ कैंसर का ऑपरेशन हुआ.
- ऑपरेशन डॉ. अमित कुमार और डॉ. आलोक रंजन की टीम ने किया.
- कमांडो सर्जरी को सबसे चुनौतीपूर्ण और जटिल माना जाता है.
पटना. मुंह के कैंसर से परेशान मरीजों को इलाज के लिए अब महंगे प्राइवेट अस्पतालों में भटकने की जरूरत नहीं है. पटना के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में भी खास विधि से इसका इलाज संभव है. इस विधि का नाम कमांडो है. दरअसल, इस खास तकनीक से मुंह के कैंसर का इलाज पीएमसीएच में शुरू हो गया है. बीते दिनों, पीएमसीएच के इतिहास में पहली बार कमांडो विधि से सर्जरी कर मुंह के कैंसर का इलाज किया गया. यह ऑपरेशन डॉ. आइएस ठाकुर के यूनिट में कैंसर सर्जन डॉ. अमित कुमार और सर्जरी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. आलोक रंजन की टीम ने किया.
खैनी और गुटखा खाने से हो गया था कैंसर
नालंदा जिले के जंगसारी गांव निवासी 43 वर्षीय प्रदीप कुमार त्रिवेदी लंबे समय से गुटखा और खैनी का सेवन कर रहे थे. दिन भर मुंह में खैनी और गुटखा दबाए रखते थे. यह आदत उनके लिए मुसीबत बन गई. तबियत खराब हुई और मुंह की स्थिति बिगड़ने लगी तो अस्पताल पहुंचे. अलग-अलग अस्पतालों में चक्कर लगाने के बाद नवंबर 2024 में मुंह का कैंसर होने का पता चला. आर्थिक तंगी के कारण वे महंगे इलाज के करवाने में सक्षम नहीं थे. अलग-अलग अस्पतालों में भटकने के बाद आख़िरी में पीएमसीएच पहुंचे. जांच के बाद डॉक्टरों ने कमांडो सर्जरी की सलाह दी.
साढ़े तीन घंटे तक चला ऑपरेशन
पीएमसीएच में इससे पहले कभी भी इस विधि से सर्जरी नहीं की गई थी. डॉक्टरों की एक्सपर्ट टीम ने सर्जरी करने का फैसला किया. डॉक्टरों ने पहली बार कमांडो विधि से सर्जरी करते हुए पीड़ित के मुंह, जबड़े और गले के कैंसरग्रस्त बड़े हिस्से को अलग किया. इसके बाद छाती से मांस और चमड़े का हिस्सा लेकर जबड़ा का पुननिर्माण भी किया. साढ़े तीन घंटे तक यह सर्जरी चलती रही. फिलहाल मरीज रिकवरी मोड में है.
क्या होती है कमांडो विधि
कमांडो सर्जरी को सबसे चुनौतीपूर्ण और जटिल कैंसर उपचारों में से एक माना जाता है. इसलिए, इसे केवल अनुभवी डॉक्टरों द्वारा ही किया जाता है. इसे रेडिकल सर्जरी के नाम से भी जाना जाता है. यह सर्जरी ज्यादातर मुंह के कैंसर के लिए की जाती है. इसमें तीन स्टेप होते हैं. पहले मुंह के कैंसर को हड्डी के साथ हटाया जाता है, फिर गर्दन से सारी गिल्टी हटायी जाती है और अंत में छाती से मांस लेकर मुंह में खड्डे को भरा जाता है. इस सर्जरी के बाद मरीज कैंसर मुक्त हो जाता है.
First Published :
February 12, 2025, 12:27 IST