Agency:Local18
Last Updated:February 04, 2025, 16:47 IST
Robotic elephant: केरल के चेत्तिमूर्ति कावू मंदिर में पहली बार रोबोटिक हाथी का उपयोग हुआ. यह हाथी पूरी तरह से असल हाथी जैसा दिखता था, और धार्मिक अनुष्ठानों में शामिल हुआ.
सोचिए, एक हाथी जो असल में जिंदा नहीं है, लेकिन उसकी चाल, उसकी सूंड की हरकतें, और उसकी मूंछें बिल्कुल असल हाथी जैसी दिखती हैं. यह कोई फिल्म का सीन नहीं, बल्कि सच है! मलप्पुरम जिले के चेत्तिमूर्ति कावू मंदिर में पहली बार एक रोबोटिक हाथी का इस्तेमाल किया गया. ये हाथी किसी जादू से कम नहीं था, जो हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचता था.
रोबोटिक हाथी
मंदिर प्रशासन ने यह फैसला किया कि वे असल हाथी की बजाय रोबोटिक हाथी का इस्तेमाल करेंगे. दरअसल, असल हाथी को मंदिर तक लाना बहुत मुश्किल था. इस छोटे से मंदिर में असल हाथी के लिए जगह भी नहीं थी और अनुमति लेना भी काफी कठिन था. इसलिए, मंदिर के आयोजकों ने सोचा क्यों न एक तकनीकी हाथी लाया जाए, जो हर लिहाज से असल हाथी जैसा दिखे. और बस, इसके बाद रोबोटिक हाथी ने मंदिर के प्रतिष्ठापन समारोह में अपनी खास जगह बना ली.
क्या है इसकी खासियत?
इस रोबोटिक हाथी को इस तरह से डिजाइन किया गया था कि वह बिल्कुल असल हाथी की तरह लगे. इसका सिर, सूंड, और यहां तक कि उसके कान भी हिलते थे. इस हाथी को एक चलने वाली प्लेटफार्म पर रखा गया था, जिससे यह इधर-उधर चल सकता था. इसकी हरकतें और मस्त चाल देखकर लोग हैरान रह गए. यह हाथी थलप्पोली यात्रा और वेलट्टम जैसे बड़े धार्मिक आयोजनों में शामिल हुआ और लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया.
आकर्षण का केंद्र बना रोबोटिक हाथी
इस हाथी ने मंदिर के कार्यक्रमों को और भी रोमांचक बना दिया. यह न सिर्फ धार्मिक महत्व का था, बल्कि एक नया तकनीकी प्रयोग भी था. जो लोग हाथी के साथ पारंपरिक समारोहों को देखने आते थे, उन्होंने रोबोटिक हाथी को देख कर ताज्जुब महसूस किया. ऐसा लगा जैसे पुराने और नए का शानदार मिलाजुला रूप हो.
First Published :
February 04, 2025, 16:47 IST