Last Updated:January 11, 2025, 22:43 IST
Enforcement Directorate Raid: राजद नेता और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री आलोक मेहता के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय ED की छापेमारी में कई अहम सबूत सामने आए हैं. सूत्रों का दावा है कि यहां से जमीन, निवेश समेत कई अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं. आइए...और पढ़ें
पटना. बिहार सरकार के पूर्व मंत्री आलोक मेहता के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी खत्म हो गई है. यहां से निवेश, शेयर मार्केट, संपत्ति और जमीन समेत अन्य कई दस्तावेज बरामद हुए हैं. सूत्रों ने बताया कि आलोक मेहता के आवास से तलाशी के दौरान जमीन के करीब 30 डीड, दर्जनभर बैंक खाते, कुछ निजी कंपनियों में हिस्सेदारी के कागजात बरामद हुए हैं. इसके अलावा अलग-अलग स्थानों पर मौजूद वेयर हॉउस एवं कोल्ड स्टोरेज के कागजातों के साथ कई मदों में निवेश से संबंधित कागजात ED ने किया है. बरामद दस्तावेजों की जांच चल रही है.
सूत्रों ने कहा है कि आलोक मेहता के बैंक खातों से हुए पैसे के सभी तरह के लेनदेन की पूरी तरह जाँच होगी ताकि पूरे मनी ट्रेल का खुलासा हो सके. दरअसल बैंक में 85 करोड़ की गड़बड़ी करने के मामले में चार गिरफ्तार किए गए हैं. वहीं, ED ने अलग-अलग शहरों से बैंक के पदाधिकारी और कुछ व्यापारियों को गिरफ्तार किया है. इसमें वाराणसी से विपिन तिवारी, गाजीपुर से राम बाबू शांडिल्य, दिल्ली से नितिन मेहरा और कोलकाता से संदीप सिंह को ED ने गिरफ्तार किया है.
ऋण वितरण के नाम पर 85 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी
वैशाली शहरी विकास सहकारिता बैंक में ऋण वितरण के नाम पर 85 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी के मामले में ED ने कार्रवाई की है. व्यापारी नितिन मेहरा और संदीप सिंह की कंपनियों एवं निजी बैंक खातों में सहकारिता बैंक से घपला की गई राशि को ट्रांसफर करके छिपाने की कोशिश की गई थी. इनके खातों से घोटाले की राशि को दूसरे कई खातों में भी ट्रांसफर किया गया था.
कुछ और लोगों को गिरफ्तार करेगी ईडी
ED इस मामले में जल्द ही कुछ और लोगों को गिरफ्तार कर सकती है. गिरफ्तारी के बाद ED ने विपिन तिवारी और रामबाबू शांडिल्य को शनिवार को पटना स्थित ED की विशेष कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेजा है. इन दोनों को जल्द ही ED रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी. पूर्व मंत्री आलोक कुमार मेहता को पूछताछ के लिए ED समन जारी कर रही है. सहकारिता बैंक का अध्यक्ष संजीव कुमार फरार चल रहा है. इसकी तलाश ED ने तेज कर दी है. संजीव आलोक कुमार मेहता का बेहद करीबी बताया जाता है. संजीव को बैंक का अध्यक्ष आलोक मेहता ने ही बनवाया था ताकि अप्रत्यक्ष रूप से बैंक पर इनका पूरी तरह से नियंत्रण रह सके.